उत्तराखंड

उत्तराखंड पेयजल निगम इस अधिकारी पर मेहरबान,एक साल में सुगम से सुगम में हुआ तीन बार ट्रांसफर,दुर्गम में अभियंताओं का टोटा

देहरादून।उत्तराखंड में भाजपा सरकार की जीरो टालरेंस नीति के दावे के बीच विभागों में अधिकारियों की मनमर्जी चल रही है। पेयजल निगम में तो शासन और प्रबंधन की नाक के नीचे तबादलों का ‘खेल’ चल रहा है। पेयजल निगम वर्तमान में प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना जल जीवन मिशन संचालित कर रहा है। जिसमें पहाड़ी इलाकों में हर घर को नल से जल पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।हालांकि, कार्य को लेकर पेयजल निगम कितना गंभीर है, इस बात का अंदाजा तो इसी से लगाया जा सकता है दुर्गम शाखाओं में अभियंताओं के पद रिक्त चल रहे हैं और सुगम में तैनाती की होड़ मची हुई है।

उत्तराखंड पेयजल निगम में कार्यरत एक अधिकारी का एक साल में तीन बार ट्रांसफर हुआ।सेटिंग- गेटिंग में माहिर इस अधिकारी का ट्रांसफर पेयजल निगम की ऋषिकेश शाखा से हरिद्वार शाखा में हुआ।सूत्रों के हवाले से ये भी खबर आई है कि तबादला होने के बावजूद भी इस अधिकारी ने हरिद्वार शाखा में जॉइन नहीं किया।पेयजल निगम के इस अधिकारी ने उच्च अधिकारियों से सेटिंग-गेटिंग करके फिर अपना ट्रांसफर पेयजल निगम के मुख्यालय में करवा लिया।फिर कुछ दिनों बाद ही इस अधिकारी ने अपना ट्रांसफर पेयजल निगम मुख्यालय से देहरादून में ही किसी अन्य शाखा में करवा लिया।सवाल ये उठता है कि पेयजल निगम मे ये अधिकारी जब चाहे अपना ट्रांसफर करवा लेता है।अगर निगम में इसी तरह अधिकारी बार-बार अपनी मनमर्जी ट्रांसफर करवाते रहेंगे तो इससे विकास कार्यों पर असर पड़ेगा।पेयजल निगम में सुगम से सुगम में तबादले किए जा रहे हैं और दुर्गम में कार्मिकों का टोटा है।ऐसे में जल जीवन मिशन के कार्य पूरे करना दूर की कौड़ी नजर आ रही है।

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