उत्तराखंड

समस्याओं का समाधन नहीं होने पर उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनयर्स महासंघ ने जताई नाराजगी

देहरादून।आज दिनांक उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ कि जनपद कार्यकारिणी की बैठक ‘सद्भावना भवन’ यमुना कॉलोनी देहरादून में आहूत की गई।बैठक की अध्यक्षता इं. सुरेंद्र श्रीकोटी तथा संचालन जनपद सचिव इं. आशीष यादव द्वारा किया गया। इं. सुरेंद्र श्रीकोटी द्वारा बताया गया कि डिप्लोमा इंजीनियर्स की समस्याओं के समाधान हेतु महासंघ द्वारा सरकार शासन स्तर पर निरंतर प्रयास के पश्चात भी समाधान नहीं हो पाया है। जिस कारण उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ द्वारा 1 अप्रैल और 12 मई प्रथम चरण का आंदोलन चरणबद्ध तरीके से किया गया। परंतु उसके पश्चात भी सदस्यों की समस्या का समाधान नहीं हो पाया। जिस कारण सदस्यों में भारी रोष उत्पन्न है। जनपद सचिव इं.आशीष यादव द्वारा बताया गया कि महासंघ द्वारा आंदोलन को तेज करते हुए आंदोलन के द्वितीय चरण का प्रारंभ करने की घोषणा की गई।जिस के क्रम में कल दिनांक 23 मई को उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ द्वारा एकदिवसीय गढ़वाल मंडल धरना कार्यक्रम के क्रम में जनपद देहरादून के द्वारा यमुना कॉलोनी स्थित लोक निर्माण विभाग सिंचाई विभाग मुख्यालय के सामने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा। जिसमें समस्त तकनीकी विभागों में कार्यरत डिप्लोमा इंजीनियर अधिशासी अभियंता, समस्त अपर सहायक अभियंता एवं कनिष्ठ अभियंता सम्मिलित होंगे बैठक की अध्यक्षता इं. सुरेंद्र श्रीकोटी एवं संचालन इं.आशीष यादव द्वारा किया गया।बैठक में प्रांतीय अध्यक्ष इं. एसएस चौहान प्रांतीय महासचिव, इं.मुकेश रतूड़ी, इं.आर सी शर्मा ,इं. वीरेंद्र गुसाईं,इं. पूजा श्रेष्ठ, इं.अनिल पंवार, इं. दिनेश बर्मन,इं.होशियार सिंह गुसाईं, इं.शांतनु शर्मा, इं.संदीप कुमार, इं. समीक्षा शर्मा,इं.प्रीतम तोमर, इं.जगमोहन सिंह रावत इत्यादि ने अपने विचार रखे।

उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनयर्स महासंघ की प्रमुख समस्यायें – 

1. तत्कालीन अध्यक्ष समस्या समाधान समिति” जी की अध्यक्षता में सम्पन्न बैठक दिनांक 04 मार्च 2013 17 12.2015, 10.11.2016, 23.01.2018 26.07.2018. 29.10.2020 एवं मुख्य सचिव उत्तराखण्ड शासन की अध्यक्षता में सम्पन्न समझौता वार्ता दिनांक 15 दिसम्बर 2015, समीक्षा बैठक दिनांक 10.11.2016 के

निम्नानुसार निर्णित बिन्दुओं का अभी तक क्रियान्वयन नही हो पाया है। (छायाप्रति सलग्न)। (1) विभिन्न विभागों में कार्यरत समूह ख अभियन्ताओं को कार अनुरक्षण भत्ता अनुमन्य किये जाने से सम्बन्धित शासनादेश अभी तक निर्गत नही किया गया है।

(ii) कनिष्ठ अभियन्ता / अपर सहायक अभियन्ता को अनुमन्य मोटर साईकिल / स्कूटर भत्ते की दरों का पुनरीक्षण कर शासनादेश वर्ष 2013 के बाद से अभी तक नही किया गया है।

(iii) शासनादेश संख्या 499/XXX (2)/2015 दिनांक 17.12.2015 के अनुसार कनिष्ठ अभियन्ता / अपर सहायक अभियन्ता को 10 वर्ष की सेवा के पश्चात् सहायक अभियन्ता का ग्रेड वेतन 5400 दिया जाये एवं अपर सहायक अभियन्ता की वेतन विसंगति दूर की जाये। (iv) समस्त अभियान्त्रिकी विभागों में एक समान सेवानियमावली का प्रख्यापन अभी तक नहीं किया गया है।

(v) राज्यान्तंगत कार्यदायी संस्थाओं के निर्धारण हेतु वित्त विभाग उत्तराखण्ड शासन के शासनादेश संख्या 452/XXXII(1)/2005 दिनांक 05.04.2005 को सख्ती से लागू करते हुए प्रदेश से बाहर की एजेन्सियों को प्रदेश में निर्माण कार्य देने पर अंकुश लगाया जाये जिससे प्रदेश के विभिन्न अभियन्त्रण विभागो को कार्य मिल सके तथा प्रदेश के करोड़ों रूपये जो सेन्टेज के रूप में दिये जा रहें है उनकी बचत हो सके तथा राजस्व में वृद्धि हो सके।

(vi)विद्युत डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोशिएशन के तीनों निगमों के प्रबन्धन को प्रेषित नोटिस संख्या 24 / बी०डी०ई०ए० / 2020 दिनांक 09.10.2020 के निम्न बिन्दुओं पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।

a. तीनों ऊर्जा निगमों में कार्यरत क०अ० को अनुमन्य ग्रेड वेतन 4600 का लाभ प्रदेश के अन्य विभागों/निगमों के समान तिथि दिनांक 01 जनवरी 2009 से काल्पनिक रूप से तथा 01 मार्च 2013 से वास्तविक रूप से निदेशक मण्डल की 94वें बैठक में पास प्रस्ताव के अनुसार अनुमन्य किया जाये।

b. उत्तराखण्ड के तीनों ऊर्जा निगमों में शासन तथा अन्य निगमों की भांति कनिष्ठ अभियन्ता से सहायक अभियन्ता पद हेतु प्रोन्नति कोटा 40 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत तथा डिग्रीधारी कनिष्ठ अभियन्ताओं का कोटा 8.33 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जाये।

3. पी०एम०जी०एस०वाई० खण्डों हेतु लो०नि०वि० के पूर्व मे स्वीकृत रहे संवर्गीय पदो को पुर्नजीवित कर पूर्व की भांति संवर्गीय किया जाये।

4. पदोन्नति में ठहराव की समस्या के निराकरण हेतु सहायक अभियन्ता से उच्च स्तरीय पदो पर डिप्लोमा इन्जीनियर्स की पदोन्नति हेतु समानान्तर गैलेरी का सृजन किया जाये।

5. स्थानान्तरण अधिनियम-2017 में महासंघ द्वारा प्रेषित सुझावों के अनुरूप संशोधन किया जाये तथा स्थानान्तरण सत्र के अतिरिक्त अन्य समय में स्थानान्तरण न किये जाये।

6. प्रदेश के कार्मिको हेतु 1 अक्टूबर 2005 से लागू अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) बहाल की जाये।

7..उत्तराखण्ड पेयजल निगम एवं उत्तराखण्ड जल संस्थान का राजकीयकरण करते हुए एकीकरण किया जाये।

8 कृषि विभाग एवं जिला पंचायत में भी अन्य समस्त अभियन्त्रण विभागों की भांति सहायक अभियन्ता, अधिशासी अभियन्ता एवं अधीक्षण अभियन्ता यथोचित पद सृजित किये जाये ताकि विभागार्न्तगत निर्माण कार्यों में आ रही तकनीकी समस्याओं एवं पदोन्नति में ठहराव का समाधान हो सके।

9 निर्माण कार्यो की जांच, कार्यों के सम्पादन के दौरान अथवा अधिकतम Defect Liability Period के समाप्त होने से पूर्व तकनीकी विभागों एवं टी०ए०सी० से करायी जाये।

10. वर्तमान में डिप्लोमा इन्जीनियर संवर्ग से सम्बन्धित शासन के वित्त एवं कार्मिक विभाग द्वारा जारी होने वाले शासनादेशों को समस्त विभागों हेतु लागू किये जाये। वर्तमान में वित्त एवं कार्मिक विभागों के शासनादेशों के पश्चात् प्रशासनिक विभागों द्वारा अलग-अलग शासनादेश जारी किये जा रहे है। इस व्यवस्था पर अंकुश लगाया जाये।

11 गुणवत्ता सुधार हेतु सहायक अभियन्ता एवं उच्चतर अभियन्ताओं के तकनीकि दायित्वों का निर्धारण तथा तदनुरूप दण्ड की सम्यक व्यवस्था करने हेतु समस्त अभियन्ताओं का तकनीकि दायित्व निर्धारण किया। जाये।

12. लघु सिंचाई विभाग में वर्ष 2013 के उपरान्त नियुक्त कनिष्ठ अभियन्ताओं को अपर सहायक अभियन्ता पदनाम तथा ग्रेड पे 4800 का लाभ शीघ्र दिया जाये।

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