देहरादून।उत्तराखंड जल संस्थान एक बार फिर चर्चाओं में है। इस बार मामला सहायक अभियंता के तबादले का है।कई सालों से यह सहायक अभियंता मसूरी में तैनात है। जबकि नियमावली के मुताबिक कई सालों से सुगम में तैनात अभियंता को दुर्गम में भेजना आवश्यक है।इस साल विभाग में कई अभियंताओं के कार्यक्षेत्र में फेरबदल हुआ लेकिन इस अभियंता का स्थांतरण लिस्ट में कहीं नाम नहीं आया है।
विभागीय सूत्र यह भी बताते है की मसूरी जल संस्थान मे इस सहायक अभियंता को छोड़कर कोई भी अभियंता ज्यादा समय तक टिक नही पाता।स्थानीय जनता ने कई बार इनकी कार्यशैली पर सवाल उठाए और पेयजल सचिव सहित विभाग के उच्च अधिकारियों में भी शिकायत की लेकिन विभाग के कानों में जूं नहीं रेंगी।इस अभियंता ने विभाग को भी चिट्टी लिखी जिसमें इन्होंने अपने ट्रांसफर की मांग की है लेकिन विभाग ने इसका कोई संज्ञान नही लिया।
अब सवाल ये उठता है कि विभाग में सभी अभियंताओं पर स्थांतरण नियमावली लागू होती है और इस अभियंता पर नहीं।स्थानीय जनता अब जल संस्थान विभाग और उनके उच्च अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाने लगी है?