देहरादून।उत्तराखंड पेयजल निगम एक बार फिर सुर्खियों में छाया हुआ है। निगम के प्रभारी प्रबंध निदेशक ने जब से मध्य सत्र में अधीक्षण अभियंताओं के कार्यक्षेत्र में फेरबदल किया है ,तब से पूरे जल निगम में अव्यवस्था फैली हुई है, कई अभियंता इस ट्रांसफर आदेश के खिलाफ कोर्ट से स्टे लेकर आये है। तब से अभियंताओं के बीच कुर्सी को लेकर विवाद बढ़ गया है।निगम के उच्च अधिकारी इन झगड़ों को सुलझाने के बजाय आँखों मे पट्टी बांधकर AC कमरों मे बैठे हुए है और निगम में संबंधित कार्यालयो के अधीनस्थ तमाम काम बंद होने के कगार पर हैं । एक हफ्ते पहले भी दून स्थित अधीक्षण अभियंता कार्यालय मे भी दो अभियंताओं के बीच कक्ष को लेकर काफी विवाद हुआ था। जिसमें एक अभियंता ने तो बंद कार्यालय कक्ष का ताला तोड़कर जबरन कार्यालय में कब्जा किया हुआ है, लगभग वैसे ही घटनाक्रम में आज निर्माण विंग के महाप्रबंधक कार्यालय में अजीब स्थिति देखने को मिली। माननीय उच्च न्यायालय का स्थानांतरण आदेश आने के बाद इंजीनियर महाप्रबंधक पिछले एक सप्ताह से महाप्रबंधक का कार्य देख रहे थे ,आज उनकी अनुपस्थिति में दूसरे अभियंता(MD के आदेश वाले अभयंता)उनके कार्यालय कक्ष में जाकर बैठ गए और फाइलों को निपटाना शुरू कर दिया। जल निगम में एक ही कार्यालय में दो-दो अधिकारी कार्य करने को लेकर पूरे राज्य में चर्चाओं का बाजार गर्म है। पेयजल निगम में जब से नए प्रभारी प्रबंध निदेशक ने कार्यभार संभाला है ,जल निगम रोज किसी न किसी विवाद में उलझा हुआ नजर आ रहा है। सेंटेंस आधारित निगम में कुर्सी को लेकर ऐसा घमासान होने पर निगम को वेतन के भी लाले पढ़ सकते हैं। निगम के कर्मचारी नेताओं का कहना है कि वे शीघ्र ही मुख्यमंत्री से मिलकर निगम के उच्च स्तर पर बरती जा रही प्रशासनिक अव्यवस्था को सुधारने हेतु अनुरोध करेंगे।