उत्तराखंड

उत्तराखंड शासन हुआ सख्त,निगमों, प्राधिकरणों और स्वायत्तशासी संस्थाओं की मनमानी पर लगेगा अंकुश, ब्योरा तलब

देहरादून।वित्त विभाग की सहमति के लिए गए निर्णयों का ब्योरा तलब किया गया है। वेतन, डीए व भत्तों के फैसलों में सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो व वित्त विभाग की सहमति जरूरी है।

स्वायत्तता के नाम पर प्रदेश सरकार के निगमों, प्राधिकरणों व स्वायत्तशासी संस्थाओं की मनमानी पर अंकुश लगेगा। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने इस मनमानी को बेहद गंभीरता से लेते हुए इन सभी संस्थाओं से उन फैसलों का ब्योरा तलब किया है, जो वेतन, डीए व भत्तों से संबंधित है।

उन्होंने सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो व वित्त विभाग की सहमति के बिना लिए गए फैसलों पर एतराज जताया है। साथ ही 10 दिसंबर 2008 को तत्कालीन मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे के जारी आदेश का पालन करने के निर्देश दिए हैं।वित्त का विभाग परामर्श लेंगें।

वित्त विभाग की ओर से इस संबंध में सभी उच्चाधिकारियों को पत्र जारी किया है। जारी पत्र में वर्ष 2008 में जारी आदेश का जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि प्रशासनिक विभागों के नियंत्रण में काम कर रहे स्वायत्तशासी संस्थाओं, निगमों व प्राधिकरणों में पद सृजन, पदनाम परिवर्तन, पदों का उच्चीकरण, वेतनमान निर्धारण, समयमान वेतनमान व अन्य सुविधों कर्मचारियों को देने के जो फैसले लेंगे, उनमें प्रशासनिक विभाग के परीक्षण व सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो व वित्त का विभाग परामर्श लेंगें।

इसके साथ ही बिना वित्त विभाग की सहमति के जो निर्णय लिए गए हैं, उनकी सूचना शीघ्र उपलब्ध कराएंगे। 2008 में जारी आदेश का पालन न होना उचित स्थिति नहीं है। उन्होंने वित्त विभाग की सहमति के बना लिए गए निर्णयों का परीक्षण कर इसकी सूचना विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *