उत्तराखंड

राज्य कर्मचारियों के हितों पर अपना कमिटमेंट दिखाएं पॉलिटिकल पार्टी व प्रत्याशी-दीपक जोशी

देहरादून।प्रदेश के कार्मिकों, शिक्षकों, पेंशनर्स एवं उनके परिवार के आश्रितों की जायज व गम्भीर मांगों की पूर्ति के लिए विधानसभा चुनावों में राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के सामने रखते हुए इन्हें घोषणा पत्र में सम्मिलित करने की मांग की है। इसी उद्देश्य से प्रदेश के सबसे बड़े कार्मिक संगठन उत्तराखण्ड अधिकारी-कार्मिक-शिक्षक महासंघ ने एक महत्वपूर्ण ऑनलाईन वर्चुअल बैठक आयोजित की। महासंघ के अध्यक्ष दीपक जोशी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में प्रदेश के मान्यता प्राप्त कार्मिक सेवा संघों के प्रबुद्ध पदाधिकारियों तथा राजकीय पेंशनर्स एसो0 के शीर्ष पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

बैठक में सर्वप्रथम विगत समय महासंघ के स्तर से बहुत ही अल्प समय में किये गये अथक संघर्ष के उपरान्त हासिल की गयी महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर महासंघ के प्रान्तीय अध्यक्ष, महासचिव सहित सभी पदाधिकारियों का आभार ज्ञापित किया गया तथा सभी कार्मिक सेवा संघों के प्रबुद्ध पदाधिकारियों को इसके लिये बधाई दी गयी। इन उपलब्धियों के अन्तर्गत गोल्डन कार्ड को सी0जी0एच0एस0 की दरों में सम्मिलित करते हुये इस व्यवस्था से राज्य कार्मिकोें, शिक्षकों के साथ-साथ निगम, निकाय, अशासकीय शिक्षकों, महाविद्यालय व शिक्षणेत्तर कार्मिकों को भी आच्छादित कराया जाना, कार्मिक विभाग की शिथिलीकरण नियमावली 2010 को पुनः लागू कराया जाना, ऊर्जा निगम में 9, 14, 19 वर्ष पर ए0सी0पी0 की अनुमन्यता के संघर्ष पर विजय प्राप्त कराया जाना, एम0ए0सी0पी0 की व्यवस्था में अतिउत्तम आदि की बाध्यता को दुरूस्त कराया जाना, पति-पत्नी दोनों के सरकारी सेवा में होने पर दोनों को मकान किराया भत्ता की अनुमन्यता प्रमुख रूप से हैं।

इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रदेश कार्मिकों, शिक्षकों, पेंशनर्स व परिवार के आश्रित सदस्यों की गोल्डन कार्ड से सम्बन्धित संवेदनशील मुददें पर गहनता से विचार किया गया। सभी प्रतिभागी पदाधिकारियों द्वारा गोल्डन कार्ड के चिकित्सा दावों की अनुमन्यता एवं उपचार प्राप्त न होने पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त किया गया। गोल्डन कार्ड के अन्तर्गत प्रतिमाह अंशदान की कटौती के उपरान्त भी समुचित उपचार प्राप्त न होने का मुख्य कारण अब तक प्रदेश के भीतर एवं प्रदेश के बाहर बड़े व विशेषज्ञ चिकित्सालयों को सी0जी0एच0एस0 की दरों पर सूचीबद्ध किये जाने हेतु स्वास्थ्य प्राधिकरण के स्तर से एम0ओ0यू0 न किये जाने पर नाराजगी व्यक्त की गयी। इसके अभाव में कार्मिकों की असामयिक मृत्यु पर भी संवेदना प्रकट की गयी व इसी तरह के मामलें में देहरादून के सी0एम0आई0 अस्पताल को भी सभी पदाधिकारियों ने आड़े हाथों लिया है, जहॉं पर उद्यान विभाग के कार्मिक की विगत दिनों गोल्डन कार्ड से उपचार की व्यवस्था वहॉं पर न होने के कारण मृत्यु हुई थी। प्रदेश के लगभग 82 लाख मतदाताओं के एक चौथाई आबादी लगभग 15-20 लाख लोगों से जुडी गोल्डन कार्ड की इस खामियों को दुरूस्त करने हेतु इस मांग को सभी प्रत्याशियों द्वारा अपने घोषणा पत्र में वरीयता दिये जाने पर कार्मिक महासंघ की रणनीति तय करने का संकल्प लिया गया।

इसके साथ-साथ प्रदेश कार्मिकों, शिक्षकों से जुड़ी पुरानी पेंशन बहाली की मांग, जिसे अब तक मात्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और श्रीनगर प्रत्याशी गणेश गोदियाल द्वारा जोर-शोर से अपने संकल्प पत्र में उठाया गया है, जिसका स्वागत करते हुये अन्य राजनैतिक दलों के प्रत्याशियों के स्तर से भी इसे प्रमुखता से अपने घोषणापत्र में स्थान दिये जाने की बात बैठक में रखी गयी। साथ ही कार्मिकों, शिक्षकों की 10, 16 व 26 वर्ष की पुरानी ए0सी0पी0 की व्यवस्था को बहाल किये जाने, पुलिस के साथियों को ग्रेड वेतन 4600 की अनुमन्यता का शासनादेश निर्गत कराये जाने, वेतन विंसगति समिति द्वारा प्रदेश के कार्मिकों, शिक्षकों के वेतन विसंगति पर सुरक्षित रखी गयी संस्तुतियों को लागू करने, उपनल व आउट सोर्स कार्मिकों की सेवाओं को रेगुलेट किये जाने तथा उनके भविष्य को सुनियोजित किये जाने हेतु सेवा नियम गठित किये जाने, समान कार्य समान वेतन अनुमन्य किये जाने जैसे प्रदेश कार्मिक, शिक्षकों के ज्वलन्त मुददों पर सभी प्रत्याशियों की स्थिति स्पष्ट कराये जाने हेतु महासंघ के स्तर से एक-दो दिन में अपनी औपचारिक बैठक जनपद देहरादून में करते हुये घर-घर तक कार्मिकों, शिक्षकों व पेंशनर्स की जायज बात को बुलन्द किये जाने की रणनीति तैयार की जायेगी तथा चुनाव सम्पन्न होने के बाद पुनः इन महत्वपूर्ण मुददों पर महासंघ की ओर से प्रभावी पैरवी किये जाने का संकल्प लिया गया।

इसके अतिरिक्त बैठक में महासंघ के प्रति कार्मिक एकता मंच के कतिपय साथियों द्वारा दूषित मानसिकता से कार्य करने तथा महासंघ की गरिमा को ठेस पहॅंचाये जाने के कुत्सित कृत्य की सभी वक्ताओं एवं पदाधिकारियों द्वारा निन्दा की गयी। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि कार्मिक एकता मंच, जो चुनिन्दा लोगों का एक मंच है तथा जिसे सम्मानपूर्वक महासंघ में विलय किये जाने का निर्णय लिया गया था, से उत्तराखण्ड अधिकारी-कार्मिक-शिक्षक महासंघ को पृथक किया जाना प्रदेश के अधिकारी, कार्मिक, शिक्षक व पेंशनर्स के व्यापक हित में होगा, इसी को देखते हुये भविष्य के लिये कार्मिक एकता मंच को महासंघ से पृथक कर लिया गया है तथा अब महासंघ का कार्मिक एकता मंच के क्रियाकलापों से कोई सरोकार नहीं रहेगा।

यह भी निर्णित हुआ है कि एक-दो दिन में महासंघ के प्रान्तीय कार्यकारिणी की पुनः एक महत्वपूर्ण बैठक जनपद देहरादून में होगी, जिसमें प्रान्त स्तर पर कुछ अन्य जागरूक व जिम्मेदार साथियों को अहम जिम्मेदारी प्रदान की जायेगी तथा महासंघ के स्वरूप को और अधिक सुदृढ किया जायेगा। संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी द्वारा आगामी चुनावों में प्रदेश के कार्मिक, शिक्षकों व पेंशनर्स की महत्वपूर्ण भूमिका होने का संज्ञान कराते हुये प्रदेश के सबसे बडे कार्मिक सेवा महासंघ की इस चुनाव में सभी प्रत्याशियों पर कार्मिकों के मुददों को किस रूप में लिया जा रहा है, पर पैनी नजर रखे जाने का भी इशारा किया है।

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