उत्तराखंड

उत्तराखंड में 10 जुलाई तक होंगे कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले

देहरादून।तबादला एक्ट के मुताबिक तबादलों के लिए समय सारिणी बनाई गई है। इसके तहत हर साल 31 मार्च तक विभागाध्यक्ष की ओर से कार्यस्थल का मानक के अनुसार चिह्नीकरण होना चाहिए। 15 अप्रैल तक सुगम, दुर्गम क्षेत्र के कार्यस्थल, पात्र कर्मचारी और खाली पदों की संभावित सूची जारी होनी चाहिए।

प्रदेश में पिछले तीन साल तक तबादला सत्र शून्य होने के बाद इस साल विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी तय समय पर तबादलों की आस लगाए थे, लेकिन इस बार तबादले एक महीने देरी से होंगे। अधिकारियों के मुताबिक तबादलों के लिए एक महीने की समय सीमा बढ़ाने के लिए धारा 27 के तहत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति के अनुमोदन के बाद इस पर मुख्यमंत्री की मंजूरी ले ली गई है।

तबादला एक्ट के मुताबिक तबादलों के लिए समय सारिणी बनाई गई है। इसके तहत हर साल 31 मार्च तक विभागाध्यक्ष की ओर से कार्यस्थल का मानक के अनुसार चिह्नीकरण होना चाहिए। 15 अप्रैल तक सुगम, दुर्गम क्षेत्र के कार्यस्थल, पात्र कर्मचारी और खाली पदों की संभावित सूची जारी होनी चाहिए।

इसके अलावा 20 अप्रैल तक अनिवार्य तबादलों के लिए पात्र कर्मचारियों से अधिकतम 10 इच्छित स्थानों के लिए विकल्प मांगे जाने चाहिए, जबकि पांच जून तक तबादला समिति की बैठक और 10 जून तक तबादलों के आदेश जारी हो जाने चाहिए।

प्रदेश में कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले इस साल तबादला एक्ट की समय सारिणी के अनुुसार नहीं होंगे। चुनाव आचार संहिता की वजह से विभिन्न विभागों के अनुरोध पर सरकार ने तबादलों की समय सीमा की अवधि को 10 जुलाई तक बढ़ा दिया है।

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