उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ सरकार के इस फैसले का करेगी विरोध
देहरादून।शुक्रवार उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ की उच्च अधिकारी समिति की आपात बैठक सद्भावना भवन यमुना कॉलोनी देहरादून में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता इं. एस एस चौहान (प्रांतीय अध्यक्ष) एवं संचालन इं. मुकेश रतूडी (प्रांतीय महासचिव) द्वारा किया गया। बैठक में समस्त सदस्यों द्वारा चर्चा की गई कि दिनांक 29.07. 2022 को विभिन्न राष्ट्रीय समाचार पत्रों के माध्यम से प्रदेश के समस्त कर्मचारी संगठनों को ज्ञात हुआ है कि उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रदेश में विभिन्न विभागों में नई भर्तियों को केंद्र सरकार के समान वेतनमान पर किए जाने का निर्णय लिया गया है जिससे कि प्रदेश में पूर्व सरकारों द्वारा विभिन्न संवर्गों के अधिकारी-कर्मचारियों को दिए गए वेतनमान निम्न ग्रेड में हो जाएंगे।प्रदेश सरकार यदि नई भर्तियों हेतु केंद्र सरकार के समान वेतनमान देय करती है तो इससे कनिष्ठ अभियंता संवर्ग सबसे अधिक प्रभावित होगा।जबकि प्रदेश के विभिन्न तकनीकी विभागों में कनिष्ठ अभियंता को विकास की रीढ़ माना जाता है और कनिष्ठ अभियंता दिन रात एक कर के किसी भी विकास कार्य को पूरी मेहनत व गुणवत्ता के साथ सही समय पर सरकार के दिए गए लक्ष्यों को पूर्ण करता है।
सदस्यों द्वारा यह भी रोष व्यक्त किया गया कि एक और प्रदेश सरकार नई भर्तियों में केंद्र सरकार के समान वेतन मानदेय करने का फैसला कर रही है और दूसरी और प्रदेश सरकार के कर्मचारियों को केंद्र के समान भत्ते नहीं दे रही है।इस प्रकार से सरकार कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार करना चाह रही हैं। बैठक के अंत में समस्त सदस्य व प्रांतीय अध्यक्ष द्वारा निर्णय लिया गया निर्णय लिया गया कि यदि प्रदेश सरकार नई भर्तियों में केंद्र सरकार के समान वेतनमान लागू करती है तो इसका डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ पुरजोर विरोध करेगा व जल्दी ही प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर सरकार के उक्त निर्णय के विरोध में आगे की रणनीति तैयार करेंगे।
बैठक में इं. बी.ड़ी.बेंजवाल(प्रांतीय अध्यक्ष,लघु सिंचाई),इं.रामकुमार (प्रांतीय अध्यक्ष,पेयजल निगम)इं. भरत सिंह डांगी(प्रांतीय अध्यक्ष,सिंचाई विभाग)इं.आर.सी शर्मा (प्रांतीय अध्यक्ष लोक निर्माण विभाग)इं. सुरेश जोशी (प्रांतीय अध्यक्ष ग्रामीण निर्माण विभाग) आदि उपस्थित थे।