उत्तराखंड

पेयजल निगम की कार्यप्रणाली से नाराज होकर विधायक ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र,JE का 11 साल बाद हुआ ट्रांसफर

टिहरी।टिहरी में कोश्यार ताल पम्पिंग योजना में गड़बड़ी को लेकर टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा है। पत्र में जल जीवन मिशन के कार्यों पर सवाल उठाए गए हैं ।जिसके बाद जल निगम के अफसर हरकत में आए। जिस इंजीनियर के खिलाफ बार-बार शिकायत आ रही थी उसे हटाया गया है।इस इंजीनियर को हटाने को पहले भी कई बार प्रयास हुए हैं लेकिन हर बार आला अफसरों के दबाव में तबादला आदेश रुकवा दिया जाता था। बड़ा विवाद खड़े होने के बाद कोश्यार ताल पंपिंग पेयजल योजना में गड़बड़ी और इंजिनीयरोंके बीच लंबे समय से चल रहे विवाद पर जूनियर इंजीनियर का तबादला कर दिया गया है। इंजीनियर के आपसी विवाद और आला अफसरों के स्तर पर बरती जा रही लापरवाही के कारण 45 करोड़ खर्च कर भी गांव वालों को पानी नहीं मिल रहा था।

जल निगम की प्लानिंग की गड़बड़ी का आलम यह रहा कि 2005-06 से कार्यों में चल रही 21.90 करोड़ कोश्यार ताल पम्पिंगयोजना 2018 में पूरी हुई ।इस योजना से जुड़े 70 गांव तक पानी पहुंचाने की कोई प्लानिंग नहीं की गई। योजना के फेस दो में 15.70 करोड रुपए हुए।इसमें 62 टैंक बनने थे। अभी 20 ही पूरे हुए हैं।19 की टेस्टिंग हो रही है। 20 निर्माणाधीन है। 250 किलोमीटर लंबी लाइन बिछनी थी। 150 किलोमीटर बिछ चुकी है। 50 किलोमीटर काम चल रहा है।इस काम को पूरा करने में लगातार देरी हुई ।

पेयजल निगम डिवीजन के इंजीनियर काम पूरा करने की वजह पूरे समय आपस में लड़ते रहे। 57 गांव में जल निगम और 13 गांव में जल संस्थान की लाइन बिछाने का काम करना है इस बीच इन्हीं 70 गांव के लिए जल जीवन मिशन में हर घर पेयजल योजना कनेक्शन पहुंचाने को 11 करोड़ की योजना मंजूर हुए। इसके तहत 4500 घरों में कनेक्शन दिए जाने है। इन सभी कार्यों में लापरवाही का नुकसान आसपास के 70 गांव को उठाना पड़ रहा है। इस गड़बड़ी पर तत्काल कार्रवाई के बाद पेयजल निगम मुख्यालय ने जूनियर इंजीनियर भीम दास निराला को 11 साल बाद तबादला कर दिया गया है। उन्हें निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई गंगा ऋषिकेश भेजा गया है।

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