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क्‍या ट्विन टॉवर ध्‍वस्‍त किए जाने से डेवलपर्स को मिलेगा सबक

दिल्ली।रियल स्‍टेट सेक्‍टर में व्‍याप्‍त इस तरह की बुराइयों से पूरा क्षेत्र बदनाम हो रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसा कब तक चलेगा। इस कार्रवाई से रियल स्‍टेट सेक्‍टर को क्‍या मिला सबक जानें विशेषज्ञों की राय…

रियल एस्टेट के खिलाड़‍ियों को कड़ा सबक

उद्योग जगत के Experts का कहना है कि इस कार्रवाई से रियल एस्टेट के खिलाड़‍ियों को कड़ा सबक मिलेगा कि भवन नियमों का उल्लंघन होने पर देर-सबेर ही सही उनकी जवाबदेही सुनिश्चित जरूर की जाएगी। रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) कानून, 2016 के तहत राज्य नियामक प्राधिकरणों को सशक्त बनाया जाना चाहिए ताकि उपभोक्ता हितों की रक्षा की जा सके। साथ ही नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले बिल्‍डरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा सके।

रेरा को मजबूत करने की जरूरत

इसके साथ ही शिशिर बैजल ने रेरा को और मजबूत किए जाने की जरूरत बताई। उन्‍होंने कहा कि रेरा को उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए और अधिकार दिए जाने की जरूरत है। साथ ही उसे चूककर्ताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का अधिकार भी दिया जाना चाहिए।

अवैध निर्माण से करें परहेज

कोलियर्स इंडिया के सीईओ रमेश नायर (Colliers India CEO Ramesh Nair) ने कहा कि घर खरीदारों के अधिकारों की रक्षा करने और डेवलपर्स को गलत कामों को रोकने के लिए राज्य रेरा अधिकारियों की बड़ी भूमिका है। प्रॉपर्टी कंसल्टिंग फर्म इन्वेस्टोएक्सपर्ट के संस्थापक और एमडी विशाल रहेजा ने कहा कि इस कार्रवाई के बाद डेवलपर्स एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) में बदलाव से जुड़े फैसले लेने में सावधानी बरतेंगे। यह सबक है कि डेवलपर अवैध निर्माण करने से खुद को रोकें।

यह फैसला नए भारत का प्रतीक

रियल एस्टेट क्षेत्र की शीर्ष संस्था क्रेडाई (CREDAI) के राष्‍ट्रीय अध्यक्ष हर्ष वर्धन पटोदिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उस नए भारत का प्रतीक है जिसमें हम रह रहे हैं। हम इस फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के साथ हैं। यह फैसला शासन और कानून का पालन सुनिश्चित कराने वाला है। जो भी डेवलपर दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करते हैं उनको इस कार्रवाई याद रखना चाहिए।

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