उत्तराखंड

राजधानी के इस बहुचर्चित बिल्डर के खिलाफ CBI जाँच की सिफारिश

देहरादून।देहरादून राजधानी के चर्चित बिल्डर सुधीर विंडलास के खिलाफ दर्ज मुकदमे में जांच के लिए राज्य सचिवालय के गृह विभाग ने सीबीआई जांच की मंजूरी दे दी है इससे बिल्डर व मुकदमे की जांच से जुड़े लोगो की मुश्किल भी बढ़ सकती है।

अधिवक्ता योगेश सेठी ने बताया है की राजपुर थाने में दर्ज सुधीर विंडलास के खिलाफ मुकदमे में पुलिस अग्रिम जमानत का पहले विरोध कर रही थी जबकि बाद में निचली अदालत से वांरट री कॉल करा लिए गए थे इसके खिलाफ पीड़ित पक्ष की ओर से हाई कोर्ट में पत्र देकर मामले की जांच सीबीआई से कराने का अनुरोध किया गया था दून पुलिस की भूमिका पर हमने कोर्ट में सवाल उठाए थे।

CM पुष्कर के सख्त और साफ रुख के चलते सुधीर के खिलाफ CBI जांच में कोई शक ओ शुबहा नहीं है. मामला बहुत गंभीर और बड़ा होने के साथ ही खुद पुष्कर चाहते हैं कि बड़े आपराधिक-जालसाजी के मसलों पर गहरा वार किया जाए. इसके जरिये छोटों और मंझोले किस्म के माफिया तंत्र व उनके सियासी न नौकरशाही में छिपे आकाओं को सुधर जाने या फिर एक तरफ हो जाने का सन्देश दिया जा सकेगा.वह न किसी के प्रभाव और न रसूख को ही देखने की जहमत उठा रहे हैं. बुल्डोजर ले के वह भ्रष्टाचार पर एक किस्म से पिल पड़े हैं.ये हर कोई मान चुका है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ PSD-2.O सरकार बहुत ही खूंख्वार साबित हो रही. वह न BJP-कांग्रेस देखना पसंद कर रही न ही उसको इससे कोई वास्ता है कि किस आरोपी का रिश्ता-नाता किस पार्टी और BJP के बड़े चेहरे से है.मुख्यमंत्री का हंटर सब भ्रष्टाचारियों पर बराबर बरस रहा. अवाम-मीडिया में इन दिनों अपने क़दमों-फैसलों से पुष्कर राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियाँ बटोर रहे हैं.

विधानसभा भर्तियों पर उनका आक्रामक रवैया दिखाना-UKSSSC की भर्तियों पर बेहद हमलावर होना-उसके पूर्व अध्यक्ष RBS रावत समेत अन्य तमाम पूर्व जिम्मेदार अफसरों को जेल भेजना या फिर भेजने की तैयारी करना कोई हंसी-खेल नहीं है. आज एक राज्य कर अधिकारी अनिल को भ्रष्टाचार और घूस मांगने के आरोप में सेवा से बर्खास्त ही कर दिया.ये सम्भावना कम है कि सुधीर विंडलास को जालसाजी के मामले में बचाव का कोई रास्ता किसी नौकरशाह या सत्ताधारी सियासतदां के जरिये मिल सकेगा. उनके खिलाफ 420-447-467-468-471 और 120-B का मुकदमा दर्ज है.

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