उत्तराखंड

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में कपाट बंद होने की तैयारियां शुरू

उत्तरकाशी।प्रसिद्ध गंगोत्री और यमुनोत्री धाम को रंग बिरेंगी फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया है। जिसकी अलौकिक छटा देखते ही बन रही है।गंगोत्री धाम के कपाट 26 अक्टूबर तो यमुनोत्री धाम के कपाट 27 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।

26 अक्टूबर को बंद होंगे गंगोत्री धाम के कपाट

गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने की तिथि के नजदीक आते ही व्यापारी और अन्य व्यवसायी लौटने की तैयारी करने लगे हैं. कुछ व्यापारी आ भी गए हैं. गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट के अवसर पर बंद होते हैं. इस बार 26 अक्टूबर को सुबह 10.15 बजे मां गंगा के मुकुट को उतारा जाएगा और इसके बाद निर्वाण दर्शन होंगे. वेद मंत्रों के साथ मां की मूर्ति का महाभिषेक होता है।

27 अक्टूबर को बंद होंगे यमुनोत्री धाम के कपाट

उधर, यमुनोत्री मंदिर समिति के उपाध्यक्ष राज स्वरूप उनियाल ने बताया कि 27 अक्टूबर को भैया दूज पर दोपहर 12.09 बजे यमुनोत्री के कपाट बंद किए जाएंगे।27 अक्टूबर की सुबह यमुना की डोली लेने के लिए खरशाली गांव से शनि महाराज की डोली यमुनोत्री पहुंचेगी। जिसके बाद शनि महाराज के नेतृत्व में मां यमुना की डोली खरसाली पहुंचेगी। कपाट बंद होने तक खरसाली में स्थित यमुना मंदिर में मां यमुना के दर्शन श्रद्धालु कर सकेंगे।

मुखबा में होंगे मां गंगा के दर्शन

उसके बाद विधिवत हवन पूजा-अर्चना के साथ दोपहर 12.09 बजे अमृत बेला पर कपाट बंद किए जाएंगे।जिसके बाद डोली मुखबा के लिए प्रस्थान करेगी।डोली चंडेश्वरी देवी मंदिर (मार्कंडेय मंदिर) में रात्रि प्रवास करेगी। अगले दिन 27 अक्टूबर को गंगा की डोली मुखबा पहुंचेगी।कपाट बंद होने के बाद देश-विदेश के श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखीमठ (मुखबा) में कर सकेंगे।

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