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PM मोदी ने शरद यादव के निधन पर जताया दुःख

दिल्ली।पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का गुरुवार रात निधन हो गया। उनकी बेटी ने फेसबुक पोस्ट के जरिए इसकी पुष्टि की। वे 75 साल के थे। शरद यादव कई सरकारों में केंद्रीय मंत्री भी रहे चुके थे। शरद यादव ने 2018 में लोकतांत्रिक जनता दल का गठन किया था। मार्च 2020 में उन्होंने लालू यादव के संगठन राजद में विलय कर लिया। उन्होंने कहा था कि एकजुट विपक्ष की ओर पहला कदम था।

पीएम मोदी ने कहा कि शरद यादव के निधन से बहुत दुख हुआ। अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने खुद को सांसद और मंत्री के रूप में प्रतिष्ठित किया।

उनके निधन पर राजनीतिक जगत में शोक की लहर है। उनके देहांत पर पीएम मोदी ने दुख जताया। उन्होंने कहा कि शरद यादव के निधन से बहुत दुख हुआ। अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने खुद को सांसद और मंत्री के रूप में प्रतिष्ठित किया। वे डॉ. लोहिया के आदर्शों से काफी प्रभावित थे। मैं हमेशा हमारी बातचीत को संजो कर रखूंगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं।

वाजपेयी की सरकार में कैबिनेट मंत्री

शरद यादव 1999 और 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कई विभागों के मंत्री रहे। 2009 में ही वह मधेपुरा लोकसभा चुनाव जीते लेकिन 2014 लोकसभा चुनाव में जदयू की हार के बाद नीतीश से उनके रिश्तों में खटास आ गई थी। तब 2018 में उन्होंने एलजेडी का गठन कर लिया। शरद यादव ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एचडी देवगौड़ा, गुरुदास दासगुप्ता, मुलायम सिंह यादव और लालू प्रसाद यादव के साथ की।

किसान परिवार से इंजीनियर बनने का सफर

शरद यादव का जन्म 1 जुलाई 1947 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद के बंदाई गांव में एक किसान परिवार में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्होंने जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया। वह इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडलिस्ट थे। उन्होंने रॉबर्ट्सन मॉडल साइंस कॉलेज से स्नातक की डिग्री भी प्राप्त की है। वह बचपन से ही पढ़ाई में बहुत होनहार रहे।

लोहिया के विचारों से प्रभावित, जेपी के पहले उम्मीदवार

डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचारों से प्रेरित होकर सक्रिय युवा नेता के तौर पर कई आंदोलनों में हिस्सा लिया और मीसा के तहत 1969-1970, 1972 और 1975 में हिरासत में लिए गए। पहली बार 1974 में वे मध्य प्रदेश की जबलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। यह जेपी आंदोलन का समय था और हलधर किसान के रूप में जेपी के चुने गए पहले उम्मीदवार थे।

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