उत्तराखंड

उत्तराखंड शासन में विशेषज्ञों की भर्ती पर उठ रहे सवाल?

देहरादून। उत्तराखंड शासन ने राज्य सचिवालय में मौजूद सचिवों को दो विशेषज्ञ रखने और विभागाध्यक्षों को एक विशेषज्ञ रखने की अनुमति दे दी है ।जिस पर अब सवाल उठने लगे हैं। दरअसल शासन की तरफ से प्रदेश में सचिव और विभागाध्यक्षों को विशेषज्ञ उपलब्ध कराने का आदेश जारी किया गया है। वैसे तो यह व्यवस्था अनिवार्य नहीं होगी लेकिन शासन के आदेश के बाद यह तो साफ हो ही गया है कि सरकार बजट खर्च करने को लेकर किसी के दबाव में नहीं है। उत्तराखंड फिलहाल करीब एक लाख करोड़ के कर्ज की तरफ बढ़ रहा है राज्य की इन्हीं खराब वित्तीय स्थितियों के कारण पूर्ववर्ती सरकारों में मित्वव्यवता जैसी बातोंपर काफी फोकस किया गया ।लेकिन मौजूदा सरकार इसके उलट सोचती है।राज्य में विशेषज्ञों को विभागों में रखना कोई गलत बात नहीं है ना ही किसी कंसल्टेंसी को हायर करना कोई गलती है लेकिन उत्तराखंड के पूर्व के अनुभव बेहद खराब रहे हैं।यही अनुभव राज्य में लोगों की आशंकाओं को बढ़ा देते हैं। पूर्व में भी राज्य सरकारों की तरफ से कई रिटायर लोगों को विभागों में रखा गया विशेषज्ञ भी रखे गए ।तमाम योजनाओं के अमलीजामा पहनाने के लिए विदेश यात्राएं भी की गई लेकिन इनका धरातल पर कोई खास फायदा नहीं दिखाई दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *