उत्तराखंड

पेयजल कर्मियों की हड़ताल फिलहाल टली,धरना प्रदर्शन जारी रहेगा

पेयजल कार्मिकों ने रैली के माध्यम से ज्ञापन भेजा, मोर्चा पदाधिकारियों की अपर सचिव से सकारात्मक वार्ता के उपरान्त फिलहाल कार्यबहिष्कार / हड़ताल टली, धरना प्रदर्शन रहेगा जारी

पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार पेयजल कार्मिकों द्वारा आज पूरे प्रदेश के समस्त जनपदों / नगरों में रैली निकालकर मा० मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन भेजा गया। राजधानी देहरादून में भी पेयजल कार्मिकों द्वारा बड़ी संख्या में उत्तराखण्ड जल संस्थान मुख्यालय, नेहरू कॉलोनी, देहरादून में एकत्रित होकर कलैक्ट्रेट तक रैली निकाली गयी। रैली उपरान्त कलैक्ट्रेट परिसर पर जिलाधिकारी की प्रतिनिधि मजिस्ट्रेट श्रीमती स्मृति परमार को ज्ञापन दिया।

ज्ञापन में मा० मुख्यमंत्री जी से अनुरोध किया गया कि देश के लगभग 24 राज्यों में पेयजल एवं सीवरेज व्यवस्था हेतु राजकीय एकीकृत विभाग स्थापित है, जबकि उत्तराखण्ड राज्य में पेयजल/सीवरेज की बहुल व्यवस्था होने के कारण जहाँ एक ओर विभागों में आपसी सामंजस्य का अभाव है, तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश के आम जनमानस में भी भ्रम की स्थिति रहती है कि पेयजल / सीवरेज योजना के निर्माण/ क्रियान्वयन / रखरखाव हेतु किस विभाग (पेयजल निगम अथवा जल संस्थान) से सम्पर्क किया जाये। वर्ष 1974 तक तत्कालीन उत्तर प्रदेश राज्य में पेयजल एवं स्वच्छता हेतु स्वायत्त शासन अभियन्त्रण विभाग के नाम से राजकीय विभाग ही था, जिसे तत्समय बाह्य सहायतित परियोजना विशेष हेतु निगम में परिवर्तित किया गया था। वर्तमान में बाह्य सहायतित योजनाओं के कियान्वयन हेतु निगम होने की बाध्यता नही है।

एकीकृत पेयजल विभाग न होने के कारण ही शहरी विकास विभाग द्वारा लगातार पेयजल निगम व जल संस्थान के कार्य क्षेत्र में अतिक्रमण किया जा रहा है। शहरी विकास विभाग द्वारा पेयजल / सीवरेज कार्य UUSDA के माध्यम से संचालित कराए जा रहे हैं। उक्त संस्था द्वारा कराए जा रहे कार्यों के निरीक्षण / पर्यवेक्षण हेतु सक्षम व आवश्यक तकनीकी अनुभव युक्त अभियन्ता तैनात नहीं हैं, अपितु अन्य विभाग से प्रतिनियुक्ति पर लाए गए अभियन्ता उक्त संस्था में कार्य कर रहे हैं। उक्त संस्था के अन्तर्गत कार्यरत अधिकांश अभियन्ता उनके द्वारा धारित पद के अनुरूप आवश्यक न्यूनतम तकनीकी अर्हता एवं सीवरेज / पेयजल का अनुभव नहीं रखते हैं। परिणामतः उक्त संस्था द्वारा कराएं जा रहे कार्यों की गुणवत्ता स्तरीय नहीं पायी गयी है, जिस कारण निर्माण कार्यों में लापरवाही व तकनीकी अज्ञानता के कारण जहां शासकीय धन की बर्बादी हो रही है वहीं अनियोजित एवं त्रुटिपूर्ण हानि निर्माण कार्यों के कारण आम जनता को हो रही असुविधा के कारण सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है। अतः शीघ्र निम्न मांगो के शीघ्र निस्तारण हेतु अनुरोध किया गया-

1. उत्तराखण्ड पेयजल निगम एवं उत्तराखण्ड जल संस्थान का राजकीयकरण करते हुये एकीकरण किया जाये।

2. UUSDA द्वारा कराये जा रहे समस्त पेयजल / सीवरेज निर्माण कार्य उत्तराखण्ड पेयजल निगम के माध्यम से कराये जाये तथा उक्त कार्यों का अनुरक्षण/संचालन कार्य उत्तराखण्ड जल संस्थान द्वारा ही किया जाये तथा शहरी विकास विभाग में वर्षों से प्रतिनियुक्ति पर तैनात अभियन्ताओं को तत्काल उनके मूल विभाग में वापिस भेजा जाये व शहरी विकास विभाग द्वारा ADB से लिये गये लोन के सापेक्ष कराये गये समस्त पेयजल/सीवरेज कार्यों की जांच एस०आई०टी० गठित करके करायी जाये।

जीवन मिशन कार्यों के समयबद्ध होने के दृष्टिगत तथा पेयजल व्यवस्था अस्त-व्यस्त न हो तथा आम जनता को परेशान न हो, के दृष्टिगत कार्यबहिष्कार वर्तमान में नहीं किया जायेगा तथा पूर्व से जारी धरना कार्यक्रम प्रतिदिन 10:00 बजे से 12:00 बजे तक जनपदों / नगरों में यथावत जारी रहेगा। यदि दिनांक 31.01.2024 तक भी शासन / सरकार द्वारा मांगो का समाधान नहीं किया जाता है, तो इन परिस्थितियों मे दिनांक 01.02.2024 को मोर्चे की उच्चाधिकार समिति की बैठक में अग्रेत्तर आंदोलन पर परिस्थिति अनुसार निर्णय लिया जायेगा।

रैली में निम्न कार्मिक उपस्थित रहे :-

श्री रमेश विंजोला, श्री विजय खाली, श्री रामकुमार, श्री श्याम सिंह नेगी, इं० डी०के० बंसल, इं० सरिता गुप्ता, इं० शशि राणा, इं० मुनीश कुमार करारा, इं० शशिभूषण शाह, ई० राकेश तिवारी, श्री बचन सिंह, श्री लाल सिंह रौतेला, श्री शिशुपाल सिंह रावत, श्री विनोद सिंह, श्री अशीष तिवारी, श्री धन सिंह चौहान, श्री संदीप मलोहत्रा, श्री नन्द कुमार तिवारी, श्री जगत सिंह, श्री रमेश चन्द्र शर्मा, श्रीमती सरिता नेगी, श्रीमती ममता भकुनी, श्रीमती संतोष पुण्डीर, श्रीमती काता देवी, श्री संदीप कश्यप, श्री प्रवीण राय, श्री सचिन कुमार, श्री जितेन्द्र देव, श्री डी०के० बंसल, श्री संतोष पाण्डे।

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