एम्स के दीक्षांत समारोह में पहुंचीं राष्ट्रपति द्राैपदी मुर्मू
ऋषिकेश।एम्स के चौथे दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हर क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती हुई भागीदारी एक बहुत बड़े और अच्छे सामाजिक बदलाव की तस्वीर प्रस्तुत करती है। एम्स दीक्षांत समारोह में भी पदक विजेताओं में छात्राओं की संख्या अधिक है। यह भी एम्स ऋषिकेश के लिए और पूरे समाज के लिए गर्व की बात है।
मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एम्स के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। राष्ट्रपति ने शैक्षणिक गतिविधियों में सर्वोच्च प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदकों से नवाजा। कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में विश्व स्तर की शिक्षा और सेवा प्रदान करना एम्स ऋषिकेश सहित सभी एम्स संस्थानों की बहुत बड़ी राष्ट्रीय उपलब्धि है। मेडिकल कॉलेज के रूप में एम्स संस्थानों ने सर्वश्रेष्ठ मापदंड स्थापित किए हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि अनेक छात्र-छात्राओं का यह सपना होता है कि वो डॉक्टर बनें। उनमें से आप जैसे कुछ छात्र-छात्राएं ही यह सपना पूरा कर पाते हैं। कड़ी मेहनत और परिश्रम के बल पर यह सफलता अर्जित कर पाते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे यह जानकर बहुत प्रसन्नता हुई है कि यहां के विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या 60 प्रतिशत से अधिक है।
एम्स ऋषिकेश के चौथे दीक्षांत समारोह में छात्राओं का बोलबाला रहा। 14 स्वर्ण पदकों में से 10 स्वर्ण पदक छात्राओं को मिले। जबकि चार स्वर्ण पदक छात्रों की झोली में आए। 10 सर्वश्रेष्ठ छात्र-छात्राओं को 14 स्वर्ण पदकों से पुरस्कृत किया गया। 10 स्वर्णपदक विजेताओं में शामिल सात छात्राओं ने 10 स्वर्ण पदक अपने नाम किए। वहीं एक रजत व एक कांस्य पदक भी छात्राओं की झोली में आए। इस तरह समारोह में वितरित कुल 16 पदकों में से 12 पदक छात्राओं के नाम रहे।