उत्तराखंड

वित्त विभाग का ये आदेश अब उत्तराखंड में ऐसे होगा बजट खर्च, नहीं कर पाएंगे फिजूलखर्ची

देहरादून।वित्त विभाग ने सभी विभागों को बजट खर्च के संबंध में ताकीद किया है कि वे किफायत का पूरा ख्याल रखेंगे और फिजूलखर्ची पर पूरी तरह से लगाम रहेगी। इस बार से पांच करोड़ से अधिक की राशि के कार्यों के लिए स्पेशल ऑडिट का इंतजाम भी किया गया है।

प्रदेश सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए 65571.49 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद वित्त विभाग ने सभी विभागों को बजट खर्च के संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बर्द्धन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में कुछ प्रावधानों को छोड़कर अधिकांश व्यवस्थाएं पुरानी ही हैं।

नई व्यवस्थाओं में इस बार स्पेशल ऑडिट का प्रावधान रखा गया है। पांच करोड़ से अधिक की धनराशि के कार्य का ऑडिट निदेशालय स्पेशल ऑडिट करेगा। बजट खर्च के दौरान मितव्ययिता पर विशेष जोर दिया गया है। ताकीद किया गया है कि मितव्ययिता बरतना केवल वित्त विभाग का ही नहीं बल्कि सभी विभागों का दायित्व है। चालू निर्माण कार्यों के लिए धनराशि परीक्षण के बाद जारी होगी।

20 करोड़ से अधिक लागत के कार्य के लिए धनराशि तीन समान किस्तों में दी जाएगी। 70 प्रतिशत कार्य का उपयोगिता प्रमाणपत्र दिए जाने पर ही पहली किस्त जारी होगी। इसी तरह दूसरी व तीसरी किस्त का भुगतान होगा। इसके लिए प्रशासनिक विभाग के प्रमुख सचिव व सचिव उत्तरदायी होंगे। 80 से 90 प्रतिशत पूरी हो चुकी चालू योजनाओं के लिए सबसे पहले बजट की व्यवस्था की जाएगी। नई वाहन नीति के तहत ही नया वाहन खरीदा जा सकेगा। लेकिन इसके लिए वित्त विभाग से स्वीकृति लेनी होगी।

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