देहरादून।धारचूला की छोटी पहाड़ी एलधारा का वरुणावत की तर्ज पर ट्रीटमेंट करने के सीएम धामी के फैसले को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सराहा है। हरदा ने धामी की जमकर तारीफ की है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हुए समय-समय पर राज्य सरकार की कार्य प्रणाली पर निशाना साधते रहते हैं। लेकिन, हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के एक फैसले की जमकर तारीफ की है।अपने सोशल मीडिया पेज पर उन्होंने सीएम धामी की तारीफ करते हुए लिखा है कि उत्तराखंड में चीन और नेपाल बॉर्डर से सटी अंतिम तहसील मुख्यालय धारचूला कभी भी बड़ी आपदा की चपेट में आ सकती है। क्योंकि मुख्यालय के ठीक ऊपर एलधारा की पहाड़ी बुरी तरह दरक गई है। धारचूला में भले ही एलधारा में चाइना बॉर्डर को जोड़ने वाली रोड खुल गई हो, लेकिन यहां खतरा अभी भी बना हुआ है. हालात ये हैं कि एलधारा की पहाड़ी खासी कमजोर हो गई है, जो कभी भी भरभराकर गिर सकती है। अगर ऐसा हुआ तो धारचूला मुख्यालय को भारी नुकसान हो सकता है।
धारचूला की छोटी पहाड़ी का वरुणावत की तर्ज पर ट्रीटमेंट करने का जो फैसला मुख्यमंत्री जी ने किया है, मैं उसका स्वागत करता हूं और उसके लिए उनको धन्यवाद देता हूं. धारचूला के अस्तित्व को बचाने के लिए बहुत आवश्यक है कि उसका वैज्ञानिक तरीके से ट्रीटमेंट किया जाए और ग्वाल गांव के विषय में भी कुछ गंभीरता से चिंतन किया जाए और खोतिला में बावजूद हमारे कार्यकाल में तटबंध बनने के बाद कैसे पानी भर गया, उसका भी समाधान निकालना चाहिए. क्योंकि काली तो हमेशा जलयुक्त रहेंगी।
हरीश रावत