उत्तराखंड

उत्तराखंड में बड़े बकायेदारों पर नकेल कसने में नाकाम उर्जा निगम

देहरादून। उत्तराखंड में बड़े बकायेदारों पर नकेल कसने में उर्जा निगम नाकाम साबित हो रहा है। राज्य के सरकारी विभाग, अस्पताल, बने जी का जंजाल, नोटिस का भी इन पर असर नहीं हो पा रहा है। आलम ये है कि बड़े बकायेदारों से उर्जा निगम वसूली नहीं कर पा रहा है।ऊर्जा निगम का उपभोक्ताओं पर करोड़ों रुपये का बकाया है। राजनीतिक दबाव कहें या मजबूरी लेकिन इस बकाये की वसूली को बकायेदारों पर कार्रवाई नहीं कर पा रहा है।

ऊर्जा निगम का उपभोक्ताओं पर करोड़ों रुपये का बकाया चल रहा है। देहरादून क्षेत्र की शहरी और ग्रामीण डिवीजन मिलाकर ही कई करोड़ रुपये बकाया है। ये स्थिति तब है, जब ऊर्जा निगम ने सरचार्ज माफी योजना चलाई है। इसके बावजूद उपभोक्ता बकाया जमा कर योजना का लाभ नहीं उठा रहे हैं। वहीं, कुछ समय से चुनावी शोर चल रहा था। ऐसे में चाहकर भी ऊर्जा निगम के अधिकारी बकायेदारों के खिलाफ अभियान शुरू नहीं कर पा रहे थे। निगम को डर था कि उनकी कार्रवाई से राजनीतिक दबाव न बनने लगे।

ऊर्जा निगम (ग्रामीण) देहरादून के अधीक्षण अभियंता अमित कुमार का कहना है कि मतदान संपन्न होने के बाद ऊर्जा निगम ने बकायेदारों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। निगम ने पहले चरण में 10 हजार से ज्यादा वाले बकायेदारों की सूची बनाकर वसूली शुरू की है। बकाया नहीं देने पर हर दिन 200 से ज्यादा कनेक्शन काटे जा रहे हैं। उन्होंने कहा इस दौरान करीब 50 से अधिक उपभोक्ता आए दिन अपना बकाया जमा कर कनेक्शन जुड़वा भी रहे हैं। उन्होंने बताया कि बकायेदारों के खिलाफ अभियान अब बड़े स्तर पर चलाया जाएगा।बिना अनुमति कनेक्शन जोड़ा तो केस दर्ज होगा

ऊर्जा निगम जितने भी कनेक्शन काट रहा है, उसमें से कुछ उपभोक्ता बकाया जमा कर कनेक्शन जुड़वा लेते हैं। जबकि, अन्य कनेक्शन कटे ही रहते हैं। अब ये बकायेदार बिजली का इस्तेमाल कहां से कर रहे हैं, इसकी जांच के लिए अलग टीम बनाई गई है। ये टीम उन उपभोक्ता के घरों पर जाकर चेकिंग कर रही है, जिनके कनेक्शन काटे जा चुके हैं। यदि कोई उपभोक्ता कनेक्शन जुड़वाए बिना चोरी की बिजली इस्तेमाल करेेंगे तो वह चोरी की श्रेणी में आएगा। ऐसे उपभोक्ताओं के खिलाफ बिजली चोरी का केस दर्ज कराया जाएगा। यदि कोई उपभोक्ता अपने पड़ोसी से बिजली लेता हुआ पाया गया तो नियमों के अनुसार उस पड़ोसी से ही उपभोक्ता का पूरा बिल वसूला जाएगा।

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