उत्तराखंड

गबन मामले में लेखाकार गिरफ्तार, पुलिस ने भेजा जेल

कोटद्वार।कोटद्वार नगर निगम के लेखाकार पंकज रावत को पुलिस ने सरकारी धन के गबन मामले में गिरफ्तार किया. वहीं, मामले में पुलिस ने पहले ही दो आरोपी ठेकेदार और पार्षद को गिरफ्तार किया था. आरोप है कि इन लेखाकार ने ठेकेदार और पार्षद से मिलीभगत कर एक कार्य के नाम के लिए 7 लाख 73 हजार 886 रुपए ठेकेदार को दोबारा भुगतान किया था.

मामले में कोटद्वार पुलिस ने पहले ही ठेकेदार और पार्षद को गिरफ्तार कर लिया था. आज पुलिस ने आरोपी लेखाकार पंकज रावत को गिरफ्तार किया है‌. कोटद्वार नगर निगम से मिली जानकारी अनुसार 2020-2021 में लेखाकार विभाग ने दिल्ली के चार लोगों के बैंक खातों में चेक से पैसे निकाला था. जिसके खिलाफ तत्कालीन नगर आयुक्त कोटद्वार की तहरीर पर तीन लोगों की गिरफ्तारी भी की गई थी.

वर्तमान नगर आयुक्त की तहरीर के आधार पर कोटद्वार पुलिस ने आरोपी ठेकेदार और पार्षद को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. जबकि आज मुख्य आरोपी लेखाकार पंकज रावत को पुलिस ने गिरफ्तार कर पौड़ी जेल भेज दिया है. कोटद्वार पुलिस क्षेत्राधिकारी ने बताया की 25 लाख रुपए गबन मामले में लेखाकार फरार चल रहा था. पुलिस ने दबिश देकर आरोपी की गिरफ्तार की है. सरकारी धन के गबन मामले में विभिन्न धाराओं में अपराध पंजीकृत कर आरोपी लेखाकार को जेल भेज दिया गया है‌।

कोटद्वार नगर निगम में सरकारी धन के गबन मामले में कोटद्वार पुलिस ने मुख्य आरोपी लेखाकार ठेकेदार पंकज रावत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वहीं, मामले में आरोपी ठेकेदार और पार्षद की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी थी. कोटद्वार पुलिस ने बताया की वर्ष 2017-2018 में विकास कार्य के एवज में नगर निगम ने 23 लाख 89 हजार 584 रुपए का भुगतान ठेकेदार को कर दिया था

इसके बावजूद कोटद्वार नगर निगम के एकाउंटेंट ने 2020-2021 में भी उसी कार्य के 17 लाख 73 हजार 886 रुपए का दुबारा से भुगतान कर दिया. पुलिस क्षेत्राधिकारी गणेश कोहली ने बताया की फरार कोटद्वार नगर निगम लेखाकार पर 10 हजार रुपए का इनामी भी घोषित था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तारी कर लिया।

नगर निगम में आये दिन घोटाले उजागर हो रहे हैं. वहीं, सरकारी धन के गबन मामले में मुख्य आरोपी नगर निगम के लेखाकार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. बता दें कि कोटद्वार नगर निगम आयुक्त ने 14 अक्टूबर को कोतवाली में तहरीर दी थी. जिसमें उन्होंने बताया कि नगर निगम के लेखाकार पंकज रावत ने ठेकेदार और पार्षद से मिलीभगत कर विकास कार्य के नाम पर एक ही कार्य के लिए दोबारा धन की निकासी की थी.

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