उत्तराखंड विधानसभा भर्ती मामला : हटाए गए कर्मचारियों को सुप्रीम कोर्ट से झटका, याचिका खारिज
देहरादून।देहरादून विधानसभा बैकडोर भर्ती मामले में हटाए गए कर्मचारियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने हटाए गए कर्मचारियों की याचिका को खारिज कर दिया है। बता दें कि नैनीताल हाई कोर्ट की डबल बेंच के निर्णय के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट गए कर्मचारियों की याचिका खारिज हो गई है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है।
विधानसभा सचिवालय में नियुक्तियों का मामला उजागर होने के बाद कार्मिक विभाग के रिटायर्ड अधिकारियों की समिति को जांच सौंपी गई थी। विधानसभा अध्यक्ष के अनुसार वर्ष 2012 से अब तक ये नियुक्तियां की गई थीं। बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय में की नियुक्तियों में अनिमितता के मामले में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने सचिवालय में विवादों से घिरी 228 नियुक्तियां रद कर दी थीं।
विधानसभा में बैकडोर से भर्तियां करने पर सवाल उठने से स्पीकर ऋतु खंडूड़ी भूषण ने 3 सितंबर 2022 को पूर्व आईएएस अधिकारी डीके कोटिया की अध्यक्षता में तीन सदस्य विशेषज्ञ जांच समिति का गठन किया था। जांच समिति ने राज्य गठन से 2021 तक तदर्थ आधार पर की र्गईं नियुक्तियों की जांच कर 20 दिन के भीतर 22 सितंबर 2022 को विधानसभा अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंप दी थी।
समिति ने जांच में पाया कि तदर्थ आधार पर नियुक्तियां नियम विरुद्ध की गई हैं। समिति की रिपोर्ट पर विधानसभा अध्यक्ष ने 23 सितंबर को तत्काल प्रभाव से 2016 से 2021 तक की गईं कुल 228 नियुक्तियां को रद्द कर कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था।
विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ कर्मचारी हाईकोर्ट में चले गए। एकल पीठ ने कर्मचारियों को राहत देते हुए बर्खास्तगी आदेश पर रोक लगा दी। इस पर विधानसभा सचिवालय ने एकल पीठ के फैसले के खिलाफ डबल बेंच में अपील दायर कर दी।
24 नवंबर को विधानसभा अध्यक्ष के बर्खास्तगी के फैसले को खंडपीठ ने सही ठहराया। जिसके बाद हटाए गए कर्मचारियों ने हाईकोर्ट खंडपीठ के फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दायर कर दी। खंडपीठ ने कर्मचारियों की याचिका खारिज कर विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर मुहर लगा दी है।