उत्तराखंड

देश का पहला सिंगल सस्पेंशन ब्रिज डोबरा चांठी घटिया निमार्ण कार्यों को लेकर चचाओं में, चर्चाओं में ठेकेदार डीएस रमोला और अधिशासी अभियंता डीएम गुप्ता की कार्यशैली

टिहरी। देश का पहला सिंगल सस्पेंशन ब्रिज डोबरा चांठी जिस पर फोटो और सैल्फी खिंचवाना लोग अपनी शान समझते हैं जो टिहरी झील के बाद एक और टूरिस्ट स्पॉट बनता जा रहा है वह एक बार फिर घटिया निर्माण कार्यों को लेकर चर्चाओं में है। जी हां टिहरी में डोबरा चांठी पुल से लंबगांव के बीच सड़क किनारे बनाए जा रहे पैराफिट में घटिया समाग्री के इस्तेमाल का आरोप लगाया जा रहा है। डोबरा चांठी पुल इससे पहले इसके मास्टिक पर अनेक बार आई दरारों के कारण भी चर्चा में रहा है। ये देश का पहला सिंगल सस्पेंशन ब्रिज है।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों का कहना है कि यहां सबसे आश्चर्य की बात यह है कि इन पैराफिट को मानकों के विपरीत बनकर पैराफिट के अंदर पत्थर डाले जा रहे हैं। होना ये था कि इन पैराफिट में सीमेंट, रेत, रोड़ी मिलाकर बनाया जाना है। इन पैराफिट के अंदर सीमेंट, रेत, रोड़ी के साथ साथ बड़े-बड़े पत्थर भी डाले जा रहे हैं। सड़क के किनारे वाहनों की सुरक्षा के लिए घटिया तरीके से बनाये जा रहे पैराफिट वाहनों की हल्की टक्कर से कभी भी टूट सकते हैं। इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

इस संबंध में पैराफिट बनाने वाले मजदूरों से बात की तो उनका कहना था कि हमें ठेकेदार डीएस रमोला ने इस तरह से काम करने को कहा है। इस काम के ठेकेदार डीएस रमोला हैं। इस संबंध में पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता डीएम गुप्ता ने कहा कि पैराफिट के निर्माणकार्य की जांच करवाई जाएगी। पैराफिट के निर्माण कार्य में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। क्योंकि दुघर्टना के समय मजबूत पैराफिट बड़ा हादसे रोकने में मदद करते हैं।

जिले के प्रतापनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मोटना बैंड से लंबगांव मोटर मार्ग पर सड़क के किनारे सुरक्षा के लिए लगाए जा रहे पैराफिट में मानकों की अनदेखी का मामला सामने आया है। मोटना बेंड से लंबगांव तक सड़क के बुरे हाल हैं। जगह-जगह खड्डे पड़े हुए हैं। ऐसे में वाहनों की सुरक्षा के लिए सड़क के किनारे पैराफिट बनाए जा रहे हैं।

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