उत्तराखंड

उत्तराखंड सचिवालय संघ ने शासन में चहेते अफसरों को गलत तरीके से एडजस्ट करने का आरोप लगाया

देहरादून। उत्तराखंड सचिवालय संघ ने शासन में चहेते अफसरों को गलत तरीके से एडजस्ट करने का आरोप लगाया है। संघ का कहना है कि सचिवालय में प्रभारी सचिव से लेकर विशेष प्रमुख सचिव और विशेष सचिव के पद मान्य नहीं है।इसके बाद भी इन पदों पर अपने चहेतों को बैठाया जा रहा है।

उत्तराखंड सचिवालय में विशेष सचिव पद पर सचिवालय संघ के विरोध के बाद अब सचिव व्यवस्था का भी खुलकर विरोध किया जाने लगा है। आरोप है कि शासन में प्रभारी सचिव, विशेष सचिव और विशेष प्रमुख सचिव की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके बावजूद बिना केंद्र की अनुमति के राज्य सचिवालय में इन पदों को इजाद  करते हुए इन पदों पर चहेते अधिकारी को बैठाने का काम किया गया है।इसके बाद भी इन पदों पर अपने चहेतों को बैठा जा रहा है। सचिवालय संघ ने अब इस पूरे मामले को लेकर शासन में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

संघ का कहना है कि उत्तराखंड में आईएएस अधिकारियों की कमी का रोना हमेशा रोया जाता है। इसके बावजूद यह समझ से परे है। कि कुछ अधिकारियों को एडजस्ट करने के लिए ऐसे नए पदों को क्यों शासन में इजाद किया जा रहा है। सचिवालय संघ ने तो साफ कर दिया है कि ऐसा उन चहेतों अफसरों के लिए हो रहा है। जिनको शासन में किसी न किसी रूप में एडजस्ट किए जाने की कोशिश की जाती है।अब इस पूरे मामले को लेकर सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दे दी है। यही नहीं उन्होंने साफ कर दिया है कि यदि सरकार इस पर नहीं चाहती तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा सकता है

पिछले दिनों ही सचिवालय संघ ने विशेष सचिव गृह के तौर पर रिद्धिम अग्रवाल को जिम्मेदारी देते हुए अपर सचिव से फाइलों के विशेष सचिव गृह से होते हुए एसीएस गृह के पास भेजी जाने का आदेश किया था।जिसके बाद सचिवालय संघ ने इसको लेकर विरोध शुरू कर दिया था।हालांकि इस मामले को अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के खिलाफ सचिवालय संघ के विरोध के रूप में देखा गया है। लेकिन बड़ी बात यह है कि अब संघ ने प्रभारी सचिव पद को लेकर अपना एतराज जताना शुरू कर दिया है।

 

 

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