उत्तराखंड

धामी सरकार ने किया सेतु का गठन, राज्य योजना आयोग हुआ समाप्त

देहरादून।उत्तराखंड सरकार अपने लक्ष्यों को पूरा करने की कवायद में जुटी हुई है। इसी बीच सरकार ने स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर इंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड (सेतु) का गठन कर दिया है। जिसके बाद सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने आदेश जारी कर दिए हैं।सेतु को राज्यपाल से भी मंजूरी मिल गई है।

सेतु के केंद्र में आर्थिक और सामाजिक विकास केंद्र में आर्थिक और रोजगार सलाहकार, लोक नीति और सुशासन केंद्र में लोक नीति और सुशासन सलाहकार / शहरी/ अर्द्ध शहरी विकास सलाहकार, साक्ष्य आधारित योजना केंद्र में सांख्यिकी और डाटा/ अनुश्रवण / मूल्यांकन सलाहकार होंगे. सेतु के लिए जो सलाहकार बनाए जाएंगे, वो सभी विभागों को सलाह देंगे. साथ ही विभागों की योजनाओं में समय और जरूरत के अनुसार, संशोधन करने के लिए मार्गदर्शन करेंगे. साक्ष्य आधारित योजना केंद्र के तहत सलाहकार उपलब्ध डाटा का विश्लेषण, डाटा इको सिस्टम विकास, सर्वेक्षण और अध्यक्ष में तकनीकी मार्गदर्शन करेंगे।

सेतु के संगठनात्मक ढांचे के अनुसार, मुख्यमंत्री इसके अध्यक्ष के रूप में काम करेंगे. अगर मुख्यमंत्री के पास ही नियोजन विभाग है, तो मुख्यमंत्री उपाध्यक्ष पद के लिए किसी मंत्री को जिम्मेदारी दे सकते हैं. सेतु के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) को मुक्त बाजार से बनाया जाएगा. यानी किसी नामी अर्थशास्त्री या फिर सेवानिवृत्त नौकरशाह भी सीईओ हो सकते हैं. सेतु में प्रदेश के सभी मंत्री बतौर सदस्य होंगे, जबकि सेतु के तहत तीन केंद्र बनेंगे. जिसमे दो-दो सलाहकार होंगे।

इससे पहले कैबिनेट बैठक के दौरान सेतु गठन के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने भी मंजूरी दे दी थी. जारी आदेश के अनुसार, मुख्यमंत्री सेतु के अध्यक्ष होंगे और नियोजन मंत्री उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त होंगे. सेतु मुख्य रूप से नागरिकों के विकास, सामाजिक और व्यक्तिगत आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एजेंडा तैयार करेगा. साथ ही जन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सक्रिय रहेगा।

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