उत्तराखंड

महाराज पहुंचे शहीद स्थल,राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा किया जायेगा: महाराज

देहरादून। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को कचहरी परिसर स्थित उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी शहीद स्मारक पर जाकर राज्य निर्माण आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने सोमवार को कचहरी परिसर स्थित शहीद स्मारक पर पहुंच कर उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीद राज्य निर्माण आंदोलनकारियों को श्रद्धासुमन अर्पित करने के साथ-साथ उन्हीं की परिकल्पना के अनुरूप राज्य के विकास का संकल्प भी दोहराया।

कैबिनेट मंत्री महाराज को शहीद स्थल पर राज्य निर्माण आंदोलनकारियों ने अपनी मांगों के संदर्भ में एक ज्ञापन भी सौंपा। उन्होंने कहा कि वह शहीद राज्य आंदोलनकारियों, जिनकी वजह से उत्तराखंड राज्य का सृजन हुआ है उनको श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ-साथ उनका आशीर्वाद लेने आए हैं। उन्होंने वहां उपस्थित राज्य आंदोलनकारियों को आश्वस्त किया कि जो मांग पत्र उन्हें सौंपा गया है उस पर वह निश्चित रूप से कार्यवाही करेंगे और राज्य के लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप उसे पूरा करने का प्रयास करेंगे।

इस मौके पर उपस्थित वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, पूर्व राज्य मंत्री एवं भाजपा प्रवक्ता रविंद्र जुगलान ने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का बड़ा महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सतपाल महाराज राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान पर्वतीय गांधी स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी के साथ “उत्तराखण्ड राज्य निर्माण संयुक्त संघर्ष समिति” के संरक्षक रहे हैं।

जुगलान ने कहा कि सतपाल महाराज ने ही लोकसभा सदस्य रहते पृथक उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण के लिए लोकसभा में प्राइवेट मेम्बरर्स बिल पेश किया था। उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के लिए संसद में जोरदार आवाज उठाने के अलावा सभी राजनैतिक दलों की आम सहमति बनाने के लिए हरकिशन सिंह सुरजीत व ज्योति वसु सहित सभी बड़े नेताओं से पत्र व्यवहार एवं व्यक्तिगत सम्पर्क कर उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के लिए सार्थक प्रयास किये।

महाराज के व्यक्तिगत प्रयासों के परिणामस्वरूप ही तत्कालीन प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा द्वारा वर्ष 1996 में तथा इन्द्रकुमार गुजराल द्वारा वर्ष 1997 में लालकिले की प्राचीर से पृथक उत्तराखण्ड राज्य निर्माण की घोषणा की गई। उनके अनवरत प्रयासों का ही परिणाम रहा कि भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व० अटल बिहारी वाजपेयी ने 9 नवम्बर 2000 को पृथक उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण कर दिया। जिसे वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सतपाल महाराज उसे संवारने का काम कर रहे हैं।

इस अवसर पर वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगलान, सुशीला बलूनी, जगमोहन सिंह नेगी, प्रदीप कुकरेती, विजय प्रताप सिंह मल्ल, विपुल नौटियाल, मोहन सिंह रावत, राकेश असवाल, प्रभात डडरियाल, अंशुल चावला, कुलदीप पंत, तरुण जैन, हनी सिसोदिया, शीशपाल चौहान, अंकित चौहान, प्रदीप मसेटा, कुलदीप रावत, कोपल शर्मा आदि उपस्थित थे।

 

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