उत्तराखंड

उत्तराखंड पेयजल निगम के अभियंता हुए एकजुट,कही ये बात

देहरादून।पेयजल के निजीकरण के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी शुरू हो गई है। पेयजल निगम के इंजीनियरों की बैठक में साफ किया गया कि सरकार तत्काल पेयजल एजेंसियों का एकीकरण का राजकीयकरण पर फैसला ले। बैठक में एडीबी के बजट से उत्तराखंड अर्बन सेक्टर डेवलपमेंट एजेंसी से सीवर, पेयजल योजनाओं के काम कराने और 18 साल तक योजनाओं के संचालन का जिम्मा देने का तीखा विरोध किया गया।पेयजल निगम समन्वय समिति के अध्यक्ष अधीक्षण अभियंता जितेंद्र सिंह देव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के काम पूरा होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में न के बराबर काम बचेगा। शहरों का काम एडीबी की उत्तराखंड अर्बन सेक्टर डेवलपमेंट एजेंसी को दिया जा रहा है। ऐसे में पेयजल की सरकारी एजेंसियों का भविष्य अंधकार में है। यदि सरकार को इसी दिशा में आगे काम करना है, तो सबसे पहले पेयजल सेक्टर के सरकारी कर्मचारी, अधिकारियों का भविष्य सुरक्षित किया जाए। इसके लिए बिना देर किए सरकार अपना पुराना पेयजल एजेंसियों के एकीकरण और राजकीयकरण का आदेश जारी करे।

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