उत्तराखंड

चिपको आंदोलन की 50वीं वर्षगांठ:माता मंगला ने गौरा देवी के परिजन को सम्मानित किया

चमोली।चिपको आंदोलन की 50वीं वर्षगांठ पर रविग्राम खेल मैदान में दो दिवसीय स्वर्ण जयंती कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान चिपको नेता गौरा देवी के परिजन और आंदोलन के समय उनकी सहयोगी रही महिलाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में स्थानीय महिलाओं ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी प्रस्तुति दी।

रविग्राम खेल मैदान में सामाजिक विकास समिति की ओर से दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान विभिन्न गांवों से आई महिलाओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जिसमें पौणा नृत्य और सूखी गांव की महिलाओं की ओर से आयोजित राधिका नृत्य की प्रस्तुति आकर्षक रही। मुख्य अतिथि हंस फाउंडेशन की संस्थापक माता मंगला ने गौरा देवी के पुत्र चंद्र सिंह राणा, बहू मेघुली देवी, चिपको के दौरान गौरा देवी का सहयोग करने वाली उनकी सहेली जठुली देवी और बाली देवी को सम्मानित किया।

माता मंगला ने कहा कि 26 मार्च 1974 में गौरा देवी के नेतृत्व में महिलाओं ने वनों को बचाने का आंदोलन शुरू किया था। जो आगे चलकर पूरे विश्व में चिपको आंदोलन के रूप में प्रसिद्ध हुआ। गौरा देवी के संघर्ष से हमें सीख लेने की जरूरत है कि किस तरह से पर्यावरण को बचाया जा सकता है। कहा कि पहाड़ की महिलाओं ने 50 साल पहले इतना बड़ा संघर्ष किया, यह बताता है कि पहाड़ की महिलाएं उस समय भी सामाजिक तौर पर कितनी जागरूक थीं। इस दौरान सीडीएस लेफ्टिनेंट अनिल चौहान की पत्नी अनुपमा चौहान, बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व कार्याधिकारी बीडी सिंह, सोहन सिंह और पुष्कर सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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