उत्तराखंड

Indian Forest Service: दीक्षा समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की

देहरादून।देश को बुधवार को भारतीय वन सेवा (आइएफएस) के 99 अधिकारी मिल गए। ये अधिकारी इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी (आइजीएनएफए) में दो वर्ष का प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पास कर अपने-अपने कैडर राज्यों में सेवा देंगे।

अकादमी के वर्ष 2022-24 के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के दीक्षा समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्‍होंने दीक्षा प्राप्त करने वाले प्रशिक्षु आइएफएस अधिकारियों को प्रमाण पत्र के साथ ही विभिन्न अवार्ड प्रदान किए।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि जंगलों के महत्व को मानव समाज भूलता जा रहा है। लोग भूल गए हैं कि जंगल जीवन देने वाले हैं। यह केवल संसाधनों का भंडार नहीं बल्कि महत्वपूर्ण परिस्थितिकी तंत्र है। जो मनुष्य के जीवन चक्र में महती भूमिका निभाते हैं।आप सभी पर प्रकृति के संरक्षण का दायित्व है। उम्मीद है कि आप इस दायित्व को अच्छी तरह निभाएंगे।

उन्होंने संरक्षण और विकास के बीच समन्वय कायम करने पर बल दिया। कहा कि यह दोनों ही मानवता के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। आप प्रकृति केंद्रित होकर ही मानव केन्द्रित हो सकते हैं। कहा कि विकास के मानकों का मूल्यांकन करना होगा। प्रकृति के शाश्वत नियमों को अपने जीवन का आधार बनाएं। संरक्षण में एआई तकनीक के समावेश पर भी उन्होंने जोर दिया।

कहा कि 21वी सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने संरक्षण के प्रयासों व नवाचार को अपनाना तथा प्रौद्योगिकी की शक्ति का उपयोग करना आवश्यक है। उन्होंने नए अधिकारियों से इस दिशा में और अधिक दूरदर्शिता से कार्य करने का आह्वान किया। कहा कि युवा पेशेवर होने के नाते आपको यह ध्यान रखना है कि आपके निर्णय देश की पर्यावरणीय नीव पर दीर्घकालिक असर डालने वाले हों।

कार्यक्रम में राज्यपाल ले रिटा जनरल गुरमीत सिंह ने अधिकारियों को उनकी सफलता की बधाई दी।उन्होंने कहा कि प्रकृति का संरक्षण एक बड़ी जिम्मेदारी है। आज का दिन आपके कठोर प्रशिक्षण के समापन का दिन नहीं बल्कि एक ऐसी यात्रा की शुरुआत है जो देश और दुनिया में महत्वपूर्ण बदलाव लाने की चुनौतियों, जिम्मेदारियों और अवसरों से भरी है। कहा कि पर्यावरण हमारी अर्थव्यवस्था, जन समुदायों और आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य से जुड़ा है। इसलिए यह जरूरी है कि आप विकास योजनाओं और निर्णय लेने में सभी पक्षों में पर्यावरणीय विचारों को अवश्य शामिल करें। यह उम्मीद जताई कि नए अधिकारी सभी हितधारकों की भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। साथ ही परस्पर संवाद को बढ़ावा देने के साथ-साथ समुदायों को सशक्त बनाने का प्रयास करेंगे।

अकादमी से पासआउट होने के बाद अधिकारी अपने-अपने कैडर के प्रदेश के सेवा देंगे। वर्ष 2022-24 बैच से उत्तराखंड के हिस्से तीन आइएफएस अधिकारी आए हैं।

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