उत्तराखंड

जल संस्थान के ये अधिकारी हुए बेलगाम,शासन स्तर पर शिकायत की गयी

देहरादून।उत्तराखंड जल संस्थान में मुख्यालय स्तर से प्रशासनिक नियंत्रण ढीले होने के आरोप लग रहे हैं। जल संस्थान का गोपेश्वर इसका उदाहरण है जहां जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता गोपेश्वर ने बगैर जांच के एक कनिष्ठ अभियंता को सीधे प्रशासनिक स्तर पर अनुरक्षण खंड गोपेश्वर से कर्णप्रयाग में स्थानांतरित किया है जबकि जेई का प्रशासनिक आधार पर स्थांतरण का अधिकार सीजीएम के अलावा किसी अन्य अधिकारी को नहीं है लेकिन बावजूद इसके अधीक्षण अभियंता ने कनिष्ठ अभियंता का अन्यत्र स्थांतरण कर दिया। आदेश में किस नियम के तहत तबादला किया गया इसका कहीं कोई उल्लेख नहीं है।

उत्तराखंड जल संस्थान में निजाम बदलने के बाद भी अधिकारी बेलगाम हो गए हैं। अधिकारी नियमों की ताक पर रख मनमाने फैसले ले रहे हैं। अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर गढ़वाल से कुमाऊं तक नियमों के विपरीत इंजीनियरों के स्थांतरण किए जा रहे हैं। मामले की जानकारी होने पर सीजीएम ने गोपेश्वर सर्किल द्वारा किए गए एक अभियंता के नियम विरुद्ध स्थानांतरण को निरस्त करने के आदेश दिए हैं साथ ही इस संबंध में अधीक्षण अभियंता का जवाब तलब भी किया है ।

कुमाऊँ के जीएम डीके सिंह ने भी 6 कनिष्ठ अभियंताओं अपर सहायक अभियंता और सहायक अभियंताओं के स्थानांतरण आदेश जारी किए हैं ।राज्य में लागू स्थांतरण का समय सीमा समाप्ति के बाद बड़े स्तर पर किए गए तबादले सवालों के घेरे में आ गए हैं इसकी शासन स्तर पर शिकायत की गई है

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