उत्तराखंड

उत्तराखंड में पूर्ण बहुमत न मिलने पर कैसे सरकार बनाएगी कांग्रेस, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बताया प्लान

देहरादून। उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा चुनाव के लिए बीती 14 फरवरी को मतदान हो चुका है। मतदान के बाद मिल रहे रुझान से कांग्रेस उत्साहित है तो कांग्रेस के प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री 10 मार्च को परिणाम आने से पहले ही जश्न के अंदाज में दिखाई दे रहे हैं।

मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कांग्रेस की भावी रणनीति के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि 70 में से 60 विधानसभा सीटों पर मिले फीडबैक के आधार पर उन्हें 48 से ज्यादा सीट आने की उम्मीद है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस बहुमत हासिल करने के बावजूद लोकतांत्रिक ताकतों और दलों को साथ लेकर चलने का प्रयास करेगी। उनके इस वक्तव्य के राजनीतिक निहितार्थ भी निकाले जा रहे हैं। कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए आवश्यकता पडऩे पर अन्य दलों का साथ लेने में देर नहीं लगाएगी।

पुष्कर सिंह धामी हैं विनम्र मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बीते रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से उनके आवास पर मुलाकात करने पर उन्होंने चुटकी ली। उन्होंने कहा कि छोटे भाई को बड़े भाई के पास जाना ही चाहिए। छोटा भाई हमेशा विनम्र रहना चाहिए। यही नहीं उन्होंने धामी को विनम्र मुख्यमंत्री भी करार दिया। साथ ही उन्हें खनन और लूट प्रेमी भी बताने में देर नहीं लगाई। हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर किसी के खिलाफ बदले की भावना से कार्यवाही नहीं की जाएगी। पार्टी का पूरा ध्यान बदला लेने पर नहीं, प्रदेश की तस्वीर बदलने पर होगा। निष्पक्षता और ईमानदारी से काम करने वाले अधिकारियों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है।

बिंदुखत्ता उत्तराखंडी स्वाभिमान का प्रतीक

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने उन्हें घर का न घाट का,…कहकर संबोधित किया तो वह भौंकेंगे भी और राज्य से जुड़े मुद्दों को लेकर काटने से भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने अपने चुनाव क्षेत्र लालकुआं के अंतर्गत बिंदुखत्ता के लिए भी कुछ करने की इच्छा जताई।

उन्होंने कहा कि बिंदुखत्ता उत्तराखंडी स्वाभिमान और पराक्रम का प्रतीक है। वहां भूमिहीन व्यक्तियों ने अपना जीवन दांव पर लगा दिया। बिंदुखत्ता उनकी देन है। शहीद मोहन गिरी के नाम पर स्टेडियम बने, उनकी यह हार्दिक इच्छा है। वह विधायक बने तो अपनी निधि से स्टेडियम में बड़ा शिलालेख बनाएंगे, उसमें बिंदुखत्ता को बसाने वालों का नाम अंकित किया जाएगा।

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