उत्तराखंड

उत्तराखंड जल संस्थान का गजब कारनामा, कहां रह गया नीति-कहां रह गया माणा, एक अकेले श्याम सिंह पटवारी ने कहां-कहां जाना..? पढ़ना न भूलें यह खास रपट…..

देहरादून। उत्तराखंड जल संस्थान हमेशा चर्चाओं में बना रहता है। कभी अपनी लचर कार्यशैली को लेकर तो कभी अपने बेतुके नियमों को लेकर। आज कल जलसंस्थान के ऑफिसों में जनता ही नहीं कर्मचारी भी कहते सुने जा रहे हैं कि कहां रह गया नीति-कहां रह गया माणा, एक अकेले श्याम सिंह पटवारी ने कहां-कहां जाना..? दरसअल यहां पर श्याम सिंह पटवारी से आशय है उत्तराखंड जल संस्थान,अनुरक्षण खंड देहरादून अधिशासी अभियंता कार्यालय से। इस अनुरक्षण खंड के पास जो इलाका दिया गया है वह नीति माणा की तरह ही है। जलसंस्थान के इस कार्य बंटवारे से अधिकारी तो परेशान है ही साथ ही जनता भी परेशान है।क्योंकि अगर त्यूणी,चकराता,कालसी,विकासनगर,सहसपुर,ऋषिकेश,रायवाला, डोईवाला की जनता को अगर अधिशासी अभियंता से कोई मुलाकात या शिकायत करनी होती है तो उसे 50-100 किलोमीटर दूरी नापकर देहरादून अनुरक्षण खंड आना पड़ता है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देहरादून जनपद शहरी और ग्रामीण दो हिस्सों में बंटा है। शहरी क्षेत्र के अंतर्गत चार डिवीजन आता है। जिसमें एक पित्थूवाला, एक रायपुर, राजपुर दक्षिण और राजपुर उत्तर शामिल हैं। इन चार डिवीजन में चार अधिशासी अभियंताओं की तैनाती है। इसके उलट बड़े भूभाग वाले ग्रामीण क्षेत्र में महज एक डिवीजन है। ग्रामीण क्षेत्र में रायवाला, श्रषिकेश, डोईवाला, सहसपुर, विकासनगर, कालसी , चकराता, त्यूणी के इलाके शामिल है। इन इलाकों की देखरेख के लिए महज एक अधिशासी अभियंता की तैनाती है। इलाका भी ऐसा कि बिल्कुल पूरब पश्चिम के हिसाब वाला। लंबे समय से परेशान जनता भी अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी अधिशासी अभियंता डिवीजन खोलने की मांग कर रही है।एक विकासनगर में और एक ऋषिकेश में।

रायवाला निवासी अरूण नौटियाल का कहना है कि पानी से सबंधित समस्या के लिए उन्होंने कई बार अधिशासी अभियंता से मुलाकात करनी चाही तो वह त्यूणी की तरफ निरीक्षण में होते है। फोन पर बात हुई उन्होंने समस्या को दूर करने का आश्वासन दिया है। मेरा यह कहना है कि रायवाला का क्षेत्र बहुत बड़ा है यहां एक अलग डिवीजन बनने चाहिए।

त्यूणी निवासी मोहन तोमर का कहना है कि विकासनगर व त्यूणी के क्षेत्रों को लेकर एक डिवीजन का गठन होना चाहिए। नई डिवीजन बनने से यहां हर समय अधिशासी अभियंता मौजूद मिलेंगे व समस्याओं का निराकरण तुरंत हो जायेगा।

जल संस्थान के एक पूर्व अधिकारी का कहना है कि पिछले कुछ सालों में ग्रामीण इलाकों में जनसंख्या तेजी से बढ़ी है। जिसके चलते पानी के कनेक्शन बढ़ने के साथ काम का बोझ भी बड़ा है। सरकार व जल संस्थान के आलाअधिकारियों को चाहिए कि ग्रामीण क्षेत्रा में कम से कम दो नई डिवीजन और बनाई जानी चाहिए। साथ ही समय-समय पर अधिकारियों का प्रमोशन होना चाहिए। ताकि उनका मनोबल बढ़ सके और वह कार्यों को और अधिक पारदर्शिता के साथ कर सकें।

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