उत्तराखंड

ऊर्जा निगम में लगा घोटाले का आरोप,मुख्यमंत्री से की जांच की मांग

देहरादून।सुराज सेवा दल ने ऊर्जा निगम पर ट्रांसफार्मर खरीद के नाम पर घोटाला करने का गंभीर आरोप लगाया है।मामले में सीएम धामी से जांच कराने की मांग की है और साथ ही कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

सुराज सेवा दल के प्रदेश अध्यक्ष रमेश जोशी ने ऊर्जा विभाग पर ट्रांसफार्मर खरीद में घोटाले का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने इस मामले की मुख्यमंत्री से जांच किए जाने की भी मांग की। रमेश जोशी ने कहा कि विभाग ने नियमों को ताक पर रखकर 125 करोड़ के 28 ट्रांसफार्मर खरीद डालें।जबकि साल 2017 में कैग की रिपोर्ट में भी पिटकुल द्वारा खरीदे गए करीब 28 ट्रांसफार्मरों की खरीद में नियमों को ताक पर रखने की बात सामने आई थी।

उन्होंने कहा सरकार की नीति के अनुरूप L1 कंपनी मेसर्स एल स्टॉम को एक साजिश के तहत बाहर कर दिया।जबकि अपनी चहेती कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए ट्रांसफार्मर का टेंडर दे दिया, जो पहले से ही उत्तर प्रदेश में ब्लैक लिस्टेड थी. घपले और घोटाले के लिए चर्चित यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार यादव जो पिटकुल का भी अतिरिक्त कार्यभार देख रहे हैं, उनके द्वारा इस मामले में घोर अनियमितता बरती गई है।

उन्होंने कहा एक ट्रांसफार्मर को बनाने में जहां 5 से 6 महीने लग जाते हैं, वही अपनी खास कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए एक ही दिन में टेंडर निकाल दिए।इसकी विज्ञप्ति भी जारी कर दी और उसी दिन इस कंपनी को वर्क ऑर्डर भी दे दिया और क्वालिटी रिपोर्ट भी दे दी. उन्होंने कहा जिस इंस्पेक्शन को करने में कम से कम 1 से 2 माह का समय लगता है. उस इंस्पेक्शन को 3 से 4 दिन में पूरा कर इतिश्री कर ली गई।

उन्होंने कहा कि ऊर्जा निगम में धांधली का आलम यह है कि 1 हफ्ते के भीतर ट्रांसफार्मरों की सप्लाई भी कर दी गई।उन्होंने ट्रांसफार्मरों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाया और कहा इन ट्रांसफार्मरों पर ना तो कोई लेबल लगा हुआ था और ना ही कोई ब्रांडिंग लगी हुई थी. सिर्फ एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए यह ट्रांसफार्मर खरीदे गए और तुरंत इनका भुगतान भी कर दिया गया।

सुराज सेवा दल के प्रदेश अध्यक्ष रमेश जोशी ने ऊर्जा विभाग पर ट्रांसफार्मर खरीद में घोटाले का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने इस मामले की मुख्यमंत्री से जांच किए जाने की भी मांग की। रमेश जोशी ने कहा कि विभाग ने नियमों को ताक पर रखकर 125 करोड़ के 28 ट्रांसफार्मर खरीद डालें।जबकि साल 2017 में कैग की रिपोर्ट में भी पिटकुल द्वारा खरीदे गए करीब 28 ट्रांसफार्मरों की खरीद में नियमों को ताक पर रखने की बात सामने आई थी।

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