हेल्थ

टीबी मुक्त राज्य बनाने और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए चलाया जाएगा अभियान

देहरादून।चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बुधवार स्वास्थ्य महानिदेशालय देहरादून में विभाग की समीक्षा बैठक की।इस दौरान उन्होंने शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और प्रदेश को वर्ष 2024 तक टीबी मुक्त करने को लेकर चर्चा की गई।

इसके साथ ही प्रदेश को वर्ष 2024 तक टीबी मुक्त करने के लिये 16 अगस्त से आगामी 15 दिनों तक जन जागरुकता अभियान चलाया जायेगा. स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में कार्य योजना तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि यह अभियान युद्ध स्तर पर चलाया जाए, जिससे की उत्तराखंड के शिशु मृत्युदर में कमी आ सके।

महिलाओं को जागरुक करेंगी आशा

मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि इसके लिये सर्वप्रथम आशाओं के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को अस्तपालों में प्रसव कराने के लिये प्रेरित किया जायेगा. इसके साथ ही गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाएं एवं पौष्टिक आहार के बारे में भी जागरूक किया जायेगा. संस्थागत प्रसव को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिये प्रदेशभर के नर्सिंग स्टाफ को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत विशेष प्रशिक्षण दिया जायेगा, ताकि प्रदेश में वर्तमान शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम किया जा सके।

शिशु मृत्यु दर में कमी लाने का प्रयास

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने आज स्वास्थ्य महानिदेशालय देहरादून में विभाग की समीक्षा बैठक की, जिसमें उन्होंने राज्य में वर्तमान शिशु मृत्यु दर को प्रति 1000 पर 27 से घटाकर इकाई के अंक में लाने के लिये कार्य योजना तैयार करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये।

2024 तक टीबी मुक्त का लक्ष्य

मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने राज्य को वर्ष 2024 तक टीबी मुक्त करने के लिये विशेष जागरुकता कार्यक्रम चलाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये हैं, जिसके तहत आगामी 16 अगस्त से एक पखवाड़े तक प्रदेशभर में टीबी के प्रति जन जागरुकता अभियान चलाने के साथ ही टीबी रोगियों की पहचान भी की जायेगी. बैठक में प्रदेशभर में स्वीकृत 115 अर्बन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की स्थापना संबंधी कार्य प्रगति की समीक्षा की. जिस पर अधिकारियों ने बताया कि 15वें वित्त आयोग के तहत प्रदेशभर में 115 अर्बन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तथा 23 पॉली क्लीनिक स्वीकृत किये हैं, जिनकी स्थापना के लिये 81 करोड़ 57 लाख की धनराशि स्वीकृत कर टेंडर की प्रक्रिया गतिमान है।

प्रदेश में शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिये स्वास्थय विभाग की ओर से जागरुकता अभियान चलाया जायेगा, जिसके तहत गर्भवती महिलाओं को आशाओं के माध्यम से सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने के लिये प्रेरित किया जायेगा। साथ ही इस अभियान को सफल बनाने के लिये नर्सिंग स्टाफ एवं आशाओं को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत विशेष प्रशिक्षण दिया जायेगा।

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