बिज़नेस

क्या होते हैं गुड और बैड लोन? क्या हैं इसके फायदे-नुकसान

दिल्ली।आज हम आपको यहां बिल्कुल आसान शब्दों में गुड और बैड लोन में अंतर बताने जा रहे हैं। हमने यहां उदाहरण के माध्यम से अच्छे और खराब लोन्स को समझाने की कोशिश की है। साथ ही इसके फायदे और नुकसान के बारे में भी बताया है।

गुड लोन्स क्या हैं?

सरल भाषा में कहें तो गुड लोन उन लोन्स को कहते हैं, जिससे आपके कैरियर या आपके असेट्स में पॉजिटिव तरीके से इजाफा हो। गुड लोन के उदाहरण की बात करें तो होम लोन, एजुकेशन लोन और बिजनेस लोन को माना जाता है, जो आपको आगे बढ़ने में मदद करता है। मान लीजिए कि आप एक घर की तलाश में हैं और आप अपने घर के लिए लोन लेते हैं और हर महीने ड्यू डेट या उससे पहले अपनी ईएमआई पेड करते हैं, तो यह गुड लोन में आएगा। होम लोन लेने पर आपको टैक्स छूट भी मिलती है।

बैड लोन्स क्या हैं?

ऐसे लोन जहां लिये गए लोन का पुनर्भुगतान देनदार और लेनदार के मध्य पूर्व सहमति से किये गए समझौते के अनुरूप नहीं किया जाता तथा जिनका भुगतान कभी नहीं होता, उन्हें बैड लोन्स (Bad loans) कहा जाता है या यूं कहें कि जिस लोन में आपको कर्ज और उस पर लगने वाले ब्याज के अलावा पैसा चुकता करने पड़े या ग्राहक लोन समयानुसार न चुकाता हो, तो ऐसे लोन को बैड लोन कहते हैं।

चलिए इसको उदाहरण के माध्यम से समझते हैं। मान लीजिए कि आपने 5 साल के लिए 10 लाख का कार लोन लिया है और उसकी सालाना ब्याज दर 12 फीसद है। अब आप समय-समय से कुछ महीनों तक अपनी ईएमआई पे करते हैं। अगर मान लीजिए कि अचानक कोई इमरजेंसी आ गई और आप किसी महीने में अपनी ईएमआई नहीं चुका पाए तो इसके बाद आपको उस ईएमआई पर अब लेट पेमेंट देना पड़ेगा। अगर आप कुछ महीनों तक आप अपना कर्ज नहीं चुका पा रहे हैं या किसी कारण आप उस लोन को ही न चुका पाए तो इसको बैड लोन कहा जाता है। मतलब कि जिससे लोनदाता को नुकसान पहुंचे और आपको भी नुकसान उठाना पड़े उसे बैड लोन कहते हैं।

बैड लोन के नुकसान

जब कोई व्यक्ति लोन लेता है तथा उसका पुनः भुगतान नहीं करता है, तो उसे भविष्य में आसानी से लोन प्राप्त नहीं हो पाता तथा बैंक उसे दिये गए लोन को ‘बैड लोन’ की श्रेणी में शामिल कर देता है, जिसका तात्पर्य यह है कि वह लोन देनदार के लिए एक जोखिम है, लेकिन यदि व्यक्ति के लोन को बैड लोन की श्रेणी में रखा गया है और वह पुनः नया लोन लेना चाहता है, तो वह इसे उन देनदारों से प्राप्त कर सकता है, जो लोन देने के लिये उसके द्वारा लिये गए प्री-लोन की जांच ही नहीं करते। बैड असेट्स (bad asset) को उसकी समयावधि के आधार पर खराब संपत्ति (substandard asset) संदिग्ध संपत्ति (doubtful asset) और नुकसानदायक संपत्ति (loss assets) में वर्गीकृत किया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *