उत्तराखंड

साल में चौथी बार बिजली के रेट बढ़ाने जा रहा UPCL

देहरादून।उत्तराखंड को ऊर्जा प्रदेश कहा जाता है।लेकिन ये नाम अब मजाक लगने लगा है।दरअसल यूपीसीएल इस साल चौथी बार बिजली के दाम बढ़ाने जा रहा है। यूपीसीएल का कहना है कि वो उत्तराखंड में उत्पादित बिजली से आपूर्ति पूरी नहीं कर पा रहे हैं। बाहर से बिजली खरीदने के कारण विभाग का खर्चा बढ़ रहा है।

उत्तराखंड में एक बार फिर बिजली उपभोक्ताओं को और अधिक बिल देना पड़ सकता है।आप यह कह सकते हैं कि इसकी तैयारी 80% पूरी कर ली गई है। साल 2022 में दो बार सरचार्ज के नाम पर बढ़ोत्तरी की गई है।मौजूदा समय में 6.5 फ़ीसदी सरचार्ज देना पड़ रहा है। हालांकि 19 सितंबर 2022 को यह कहकर सरचार्ज बढ़ाया गया था कि फिलहाल यह अधिभार 7 महीने के लिए लगाया जा रहा है।जिसकी अवधि 31 मार्च 2027 तक रहेगी। लेकिन अब जो नई बात निकल कर सामने आई है, वह यह है कि यूपीसीएल ने नियामक आयोग को प्रस्ताव भेजा है, जिसमें एक बार फिर से बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी करने का प्रस्ताव रखा गया है।

यूपीसीएल लगातार शासन प्रशासन को यह पत्र भेज कर रोना रो रहा है कि विभाग लगातार घाटे में चल रहा है। उनका कहना है कि उत्तराखंड से अलग दूसरे राज्यों से बिजली खरीदने में काफी पैसा विभाग का खर्च हो रहा है। जिसकी वजह से कंपनी को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है।हैरानी की बात तो यह है कि उत्तराखंड सरकार ने साल 2022 में तीन बार बिजली के रेट बढ़ाए हैं। बावजूद इसके एक बार फिर से यह प्रस्ताव भेजा गया है।

अगर साल 2022 की बात करें तो 1 अप्रैल से बिजली की दरों में 2.68 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी हुई थी। वहीं सितंबर महीने में ऊर्जा निगम ने 3.85 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी की थी। यूपीसीएल का इतने से भी मन नहीं भरा तो उन्होंने अक्टूबर महीने में 7 पैसे प्रति यूनिट बिजली के रेट बढ़ा दिए. यानी साल 2022 में जो लोग 100 यूनिट बिजली खर्च कर रहे थे उन्हें 26 पैसे प्रति यूनिट और अधिक देने पड़ रहे थे. जबकि 200 यूनिट खर्च करने वालों को 51 पैसे देने पड़ रहे थे. 400 यूनिट खर्च करने वालों को 71 पैसे प्रति यूनिट और अधिक देने पड़ रहे थे. यह दरें घरेलू बिजली की दरों की थीं. जबकि कमर्शियल बिजली इस्तेमाल करने वाले एलटी उद्योग को 96 पैसे और एचडी उद्योग को एक दशमलव ₹11 प्रति यूनिट और देने पड़ रहे थे।

मौजूदा समय में उत्तराखंड को 20 मिलियन यूनिट बिजली की डिमांड पूरी हो रही है। जबकि 24 मिलियन यूनिट बिजली केंद्र से उत्तराखंड को मिल रही है। ऐसे में रोजाना 44 मिलियन यूनिट बिजली की उत्तराखंड को आवश्यकता है. जबकि मांग प्रतिदिन 50 से 51 मिलियन यूनिट बिजली की और है।

13 दिसंबर को विभाग ने नियामक आयोग को एक बार फिर से बिजली की दरों को बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है। इस बार यह प्रस्ताव 8% बढ़ाने का भेजा गया है।यानी एक बार फिर से नए साल के मौके पर उपभोक्ताओं को बिजली का झटका देने की पूरी तैयारी कर ली गई है। अगर नियामक आयोग इस प्रस्ताव को मान लेता है, तो उपभोक्ताओं की जेब अच्छी खासी ढीली होने वाली है।

आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि साल 2022 में 26 पैसे से 1.11 रुपए प्रति यूनिट दाम पहले ही बढ़ा दिए गए हैं। अब यह दाम कहां पहुंचेंगे और कितना भार आम जनता के ऊपर आएगा, यह बात किसी से छुपी नहीं है।एमडी अनिल कुमार कहते हैं कि विभाग के ऊपर काफी अधिक भार पड़ रहा है।बिजली उत्पादन उत्तराखंड में जितना हो रहा है, उतना हम इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन हमें दूसरे राज्यों से भी बिजली लेनी पड़ती है। ऐसे में विभागीय मजबूरी भी है कि व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए इस तरह के कदम उठाए जाते हैं। फिलहाल हमने प्रस्ताव भेजा है और यह नियामक आयोग और शासन तय करेगा कि आखिर आगे क्या होना है।

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