उत्तराखंड

जल संस्थान के इन डिवीजनों की राजस्व वसूली की परफॉरमेंस काफी खराब

देहरादून।पीने के लिए पब्लिक को पर्याप्त पानी चाहिए, लेकिन बिल नहीं चुकाएंगे. फिलहाल जल संस्थान के आंकड़े यही कुछ कह रहे हैं. जी हां, दून समेत पूरे प्रदेश में पानी के बिल का बकाया 361 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. खास बात यह है कि अकेले दून रीजन पर 208 करोड़ रुपये की देनदारी है. यही नहीं डिवीजनों की राजस्व वसूली की परफॉरमेंस काफी खराब है, जिसको लेकर जल संस्थान प्रबंधन को अल्टीमेटम तक जारी करना पड़ा है, वर्ष 2022-23 में टारगेट अचीव न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है. नवंबर माह तक टारगेट से कई डिवीजन काफी पीछे हैं. जिन्हें दिसंबर माह में पिछली वसूली के साथ वसूली पूरी कर नया टारगेट जारी किया गया है…

जीएम देहरादून के अधीन डिवीजन और जल कल कार्यालयों ने 208 करोड़ लक्ष्य के राजस्व लक्ष्य के सापेक्ष माह नवंबर तक केवल 70 करोड़ रुपये की बिलों की वसूली की है. मार्च तक 175 करोड़ रुपये अभी वसूलने बाकी हैं. ऐसे में सवाल यह है कि अप्रैल से नवंबर तक यानि आठ माह में जब 70 करोड़ की राजस्व वसूली की गई, तो साढ़े तीन माह में करीब 138 करोड़ की वसूली कैसे होगी.

इन डिवीजनों का खराब प्रदर्शन

देहरादून के पित्थूवाला, रायपुर, अनुरक्षण खंड से लेकर ऋषिकेश, हरिद्वार, हरिद्वार गंगा, देवप्रयाग, पौड़ी, कोटद्वार और डीडीहाट आदि शामिल है. ए, बी, सी, ही नहीं डी, ई और एफ ग्रेड में भी कई डिवीजन हैं. विभाग का कहना है कि ये डिवीजन राजस्व वसूली को हल्के में ले रहे हैं, जिसको विभाग ने चिंताजनक बताया है.

17 करोड़ कम वसूल

माह नवंबर तक 208 करोड़ के विरुद्ध केवल 70 करोड़ की वसूली की गई. ये वसूली आठ माह में हुई है. अब वर्ष समाप्ति को साढ़े तीन माह रह गए हैं. ऐसे में इतने कम समय में 138 करोड़ वसूल हो पाएंगे इसको लेकर असमंजस की स्थिति है.

“कई डिवीजनों की राजस्व वसूली लक्ष्य से काफी कम है. ऐसे डिवीजनों को वसूली शत प्रतिशत करने के लिए कड़े निर्देश दिए जा रहे हैं. बड़े बकायेदारों के कनेक्शन तत्काल काटने को कहा गया है. साथ ही लक्ष्य पूरा न करने वाले अफसरों के विरुद्ध भी विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी”.

नीलिमा गर्ग, सीजीएम, जल संस्थान

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