उत्तराखंड

स्थानान्तरण अधिनियम, 2017 के कतिपय प्रावधानों से छूट प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में

देहरादून।उत्तराखण्ड लोक सेवकों के लिये वार्षिक स्थानान्तरण अधिनियम, 2017 की धारा-27 में अधिनियम के क्रियान्वयन में कठिनाई का निवारण के संबंध में प्राविधान है। कि इस अधिनियम के प्रख्यापन के उपरान्त अन्य विभागों की वार्षिक स्थानान्तरण नीतियों / अधिनियमों पर इस अधिनियम का अध्यारोही प्रभाव होगा परन्तु यह कि यदि किसी विभाग द्वारा अपने विभाग की विशिष्ट परिस्थितियों के कारण इस अधिनियम के किसी प्रावधान में कोई परिवर्तन अपेक्षित हो अथवा कार्यहित में कोई विचलन किया जाना आवश्यक हो अथवा कोई छूट अपरिहार्य हो तो ऐसे परिवर्तन / विचलन / छूट हेतु प्रस्ताव सकारण मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा। इस समिति की संस्तुति पर मा0 मुख्यमंत्री जी के अनुमोदन के उपरान्त ही वांछित परिवर्तन / विचलन / छूट अनुमन्य होगा।

2– इस क्रम में उपरोक्त समिति की संस्तुति के सन्दर्भ में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि ऐसे एकल अभिभावक (विधवा / विधुर) जिनके ऊपर आश्रित संतानें हो, का स्थानान्तरण उनके द्वारा दिये गये विकल्पों में से ही यथासम्भव किसी एक स्थान पर किया जायेगा। उक्त के अतिरिक्त मृतक आश्रित के रूप में नियुक्त होने वाले कार्मिक की

3-प्रथम नियुक्ति हेतु स्थानान्तरण अधिनियम 2017 की धारा-18 (1) से छूट प्रदान की जाती है। मृतक आश्रित के रूप में नियुक्त होने वाले कार्मिक से पाच स्थानों के विकल्प प्राप्त किये जायेंगे और यथासम्भव इन्हीं में से किसी एक स्थान पर तैनाती / नियुक्ति प्रदान की जायेगी।

4– यह भी कि राज्याधीन सेवाओं में दुगर्म में तैनात कार्मिक यदि दुर्गम में ही तैनात रहना चाहते हैं, तो उन्हें अनिवार्य स्थानान्तरण से छूट प्रदान की जा सकेगी, किन्तु ऐसे कार्मिक को एक ही कार्यालय / तैनाती स्थान पर चार वर्ष से अधिक समय न हुआ हो (विद्यालयी शिक्षा, उच्च शिक्षा तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के शैक्षणिक संवर्ग को छोड़कर) और कार्मिक के विरूद्ध कोई जांच / शिकायत आदि प्रशासनिक कार्यवाही प्रचलित न हो एक ही कार्यालय / तैनाती स्थान पर चार वर्ष से अधिक समय न होने की शर्त अभियंत्रण सेवा के कार्मिकों को दुर्गम में तैनात रहने की छूट सम्बन्धी शासनादेश संख्या-1/120990, दि० 10.05 2023 के प्रस्तर-2 के बिन्दु-2 पर भी लागू होगी।

5-स्थानान्तरण अधिनियम की धारा 3(प) का लाभ कार्मिकों को प्रत्येक स्थानान्तरण सत्र के आरम्भ में सक्षम स्तर का अद्यतन प्रमाण पत्र (वर्तमान स्थानान्तरण सत्र हेतु वर्ष 2022 या उसे उपरान्त का प्रमाण पत्र) उपलब्ध कराने पर ही प्रदान किया जा सकेगा क्योकि कतिपय रोगों के उपचार के पश्चात ठीक होने की सम्भावना रहती है किन्तु कुछ कार्मिकों द्वारा प्रत्येक स्थानान्तरण सत्र में एक ही प्रमाण पत्र का लाभ प्राप्त करने की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

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