उत्तराखंड

राजधानी के रायपुर विधानसभा क्षेत्र में ‘इस गांव में आकर शर्मसार न करें’, गांव के लोगों ने लगाया बैनर

देहरादून।जिले के रायपुर विधानसभा क्षेत्र के केशरवाला गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।यहां के ग्रामीण लंबे समय से इसकी मांग कर रहे हैं, मगर आजतक इनकी मांग पूरी नहीं हो पाई है।अब गांव वालों ने गांव के बाहर पोस्टर लगा दिया हैं।केशरवाला गांव के स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि गांव के लिए सड़क की मांग करते-करते दशक बीत गए, लेकिन आजतक कहीं सुनवाई नहीं हुई है।ग्रामीणों का कहना है कि गांव के समीप पड़ी भूमि पर सेना अपना कब्जा बताती है।जिसके कारण सड़क का निर्माण नहीं हो पा रहा है, जबकि सूचना के अधिकार में मांगे गए राजस्व अभिलेखों में यह उत्तराखंड सरकार की सम्पत्ति है।

इस गांव में आकर शर्मसार न करें, वोट मांग मांगने से पहले सभी राजनीतिक दलों को गांव की सड़क, पानी की समस्या और अन्य समस्याओं को देखकर शर्म आएगी. आजकल चुनाव समर में रायपुर विधानसभा और नगर निगम के वॉर्ड नंबर-1 के केशरवाला के ग्रामीणों को मजबूरन गांव के मुख्य मार्गों पर यह बैनर लगाकर चुनावी प्रत्याशियों को यह चुनौती दी है।केशरवाला गांव के ही ग्रामीण बताते हैं कि 2012 में सड़क के लिए क्षेत्रीय विधायक ने 50 लाख की स्वीकृति के साथ जेसीबी से काम शुरू करवाया, लेकिन वह यह कहकर बंद करवा दिया गया कि यह सेना की भूमि है. ग्रामीणों ने इस भूमि पर राजस्व अभिलेखों का साक्ष्य सबके सामने रखा।ग्रामीणों का कहना है कि अभी भी गांव की आधी आबादी के लिए पेयजल आपूर्ति पूरी नहीं हो पाई है. साथ ही बिजली के खंभे नहीं लग पाए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि 2 वर्ष पूर्व गांव नगर निगम क्षेत्र में आया, तो उम्मीद जगी कि कुछ विकास होगा., लेकिन उसके बाद भी आज तक कोई देखने नहीं आया।

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